लखनऊ
उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण का कहर अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं हुआ था कि एक नए तरीके के संक्रमण या यूं कहें कि नई बीमारी ने दस्तक दे दी है। इस नई बीमारी का नाम टोमैटो फ्लू बताया जा रहा है। टोमैटो फ्लू बच्चों को संक्रमित कर रहा है। राजधानी लखनऊ में भी टोमैटो फ्लू पैर पसार रहा है, यही वजह है कि इससे जुड़े लक्षण वाले कई मामले कुछ दिनों में ही सामने आ गए हैं। वहीं बताया जा रहा है कि इससे पहले केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु और उड़ीसा में भी टोमैटो फ्लू लक्षण वाले केस मिल चुके हैं।
जानकारी के मुताबिक टोमैटो फ्लू की चपेट में राजधानी लखनऊ के कई मासूम बच्चे आ गए है, जिनका इलाज लखनऊ के संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान (एसजीपीजीआई) में चल रहा है। इनकी संख्या 10 से ज्यादा बताई जा रही है जो हाल ही में इस टोमैटो फ्लू का शिकार हो गए हैं। एसजीपीजीआई के पीडियाट्रिक विभाग के डॉक्टर पीड़ित बच्चों का इलाज कर रहे हैं।
हफ्ते भर में टोमैटो फ्लू से सही हो रहे बच्चे
वहीं एसजीपीजीआई की पीडियाट्रिक विभाग की डॉक्टर रुपाली भट्टाचार्य ने बताया कि अभी तक किसी भी बच्चे में इसका असर ज्यादा नहीं देखा गया है। इसलिए किसी को भी भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ी है। उन्हें खान-पान और समय से दवाई खाने की सलाह देकर घर में रहने को कहा जा रहा है। डॉक्टर के मुताबिक, सही तरीके से देखभाल होने से बच्चे हफ्ते भर में पूरी तरह स्वस्थ हो जा रहे हैं।
टोमैटो फीवर में शरीर पर पड़ते है फफोले
टोमेटो फ्लू के मामले 5 से 12 साल के बच्चों में देखने को मिल रहे हैं। वहीं इसको लेकर बताया जा रहा है कि टोमैटो फीवर हैंड, फुट एंड माउथ डिसीज का एक नया लक्षण है। एंटेरो वायरस से होने वाले इस बुखार में मरीज के शरीर पर टमाटर के आकार के फफोले पड़ जाते हैं। इस बुखार में 102 से 104 डिग्री तक बुखार आ सकता है। टोमैटो फीवर 5 साल से कम उम्र के बच्चों पर असर दिखा सकता है। आमतौर पर 1 हफ्ते के भीतर इससे बच्चों को राहत मिल जाती है। वहीं हालत बिगड़ने पर मरीज को एडमिट भी किया जा सकता है। मास्क, साबुन से हाथ धोने और सैनिटाइजर के प्रयोग से इसका बचाव किया जा सकता है।