यरूशलम
भारत के शीर्ष शिक्षाविदों का 24 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल इजरायल के दौरे पर है। इस दौरान वे नवाचार-आधारित शिक्षा प्रणाली और सफल शैक्षणिक मॉडल का अध्ययन कर रहे हैं। इजरायल बहुत पहले से डेटा एनलिटिक्स और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से इनोवेशन बेस्ड एजुकेशन सिस्टम को सफलतापूर्वक संचालित कर रहा है। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने छह दिनों में इजरायल के कई संस्थानों, कॉलेज, यूनिवर्सिटी और इंस्टीट्यूट का दौरा भी किया। इससे मिली जानकारी के आधार पर भारतीय स्कूलों में भी शिक्षा पद्धति में सुधार को लेकर सुझाव दिए जाएंगे। इजरायल और भारत पहले से ही सैन्य और कृषि क्षेत्र में काफी नजदीकी से सहयोग कर रहे हैं। इजरायल ने भारत को ड्रिप सिंचाई तकनीक सिखाने में मदद की है। साथ ही मरुस्थलीय इलाकों में कृषि को लेकर भी कई तकनीके साझा की हैं। भारतीय खुफिया एजेंसी और सेना से जुड़े अधिकारी भी इजरायल में स्पेशल ट्रेनिंग लेते हैं।
किंडरगार्टन से लेकर 12वीं तक के स्कूलों में किया जाएगा अप्लाई
फिक्की अराइज (अलायंस फॉर रि-इमेजिनिंग स्कूल एजुकेशन) ने भारत के वित्त मंत्रालय, नयी दिल्ली स्थित इजराइली दूतावास और इजराइल के विदेश व्यापार प्रशासन के समन्वय में यात्रा की इस व्यवस्था की है। फिक्की अराइज भारत में प्रगतिशील स्कूलों के पैरोकारों का एक समूह है। समूह ने एक बयान जारी कर कहा कि इस यात्रा का मकसद भारतीय शिक्षाविदों को के-12 (किंडरगार्टन से लेकर कक्षा 12 तक) स्तर के इजराइली शिक्षा प्रणाली मॉडल को समझने और उसका अनुभव हासिल करने का मौका प्रदान करना है। साथ ही उन्हें डाटा एनालिटिक्स और कृत्रिम मेधा जैसी अत्याधुनिक तकनीकों के इस्तेमाल से गतिशील व लचीली नीतियों, सफल शैक्षणिक उपकरणों और मॉडलों से अवगत कराना है, ताकि वे अपने छात्रों को 21वीं सदी की जरूरतों के अनुरूप तैयार करने के लिए स्कूलों में जरूरी बदलाव ला सकें।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने इजरायल के इन जगहों का किया दौरा
21 से 26 अगस्त तक हुई इस यात्रा में प्रतिनिधिमंडल ने इजराइल के शिक्षा मंत्रालय, इजराइल निर्यात एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग संस्थान, तासीयदा, पेरेस सेंटर फॉर पीस एंड इनोवेशन, स्टार्ट-अप नेशन सेंट्रल, माइंडसेट और शिमोन पेरेस हाईस्कूल सहित अन्य संस्थानों का दौरा किया तथा कई संवादात्मक सत्रों में हिस्सा लिया। प्रतिनिधिमंडल ने इजराइल में भारत के राजदूत संजीव सिंगला से ‘दोनों जीवंत लोकतंत्रों के बीच शिक्षा क्षेत्र में सहयोग को मजबूत करने’ के उपाय तलाशने की अपील भी की।
इजरायली राजदूत ने शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग की वकालत की
भारत में इजराइल के राजदूत नाओर गिन ने कहा कि यह फिक्की अराइज का अपनी तरह का पहला प्रतिनिधिमंडल है, जो इजरायल की शिक्षा प्रणाली में निहीत नवाचारों के बारे में जाने के लिए भारत से इजराइल पहुंचा है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान दोनों पक्षों ने ज्ञान और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा किया। साथ ही शिक्षा क्षेत्र में सहयोग के अवसरों पर विशेष ध्यान देने की वकालत की।
टेक्नोलॉजी से शिक्षा के स्तर को ऊंचा उठाने की है चुनौती
फिक्की अराइज और सेठ आनंदराम जयपुरिया ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस के अध्यक्ष शिशिर जयपुरिया ने कहा कि भारत ने दूरदराज के ग्रामीण इलाकों में स्कूली शिक्षा तक पहुंच सुनिश्चित करने के लिए उत्कृष्ट काम किया है। आज डाटा की नैतिक रिपोर्टिंग के जरिये परिणाम-आधारित शिक्षा मुहैया कराना और हितधारकों की जवाबदेही सुनिश्चित करना बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि यह केवल बुद्धिमानी से प्रौद्योगिकी के प्रयोग के माध्यम से संभव है। हमें यह भी सीखने की जरूरत है कि कैसे इजराइल ने स्कूली शिक्षा में उद्यमिता आधारित शिक्षा को प्रभावी ढंग से शामिल किया है, जिससे छात्रों को शुरुआती स्तर पर विशेषज्ञ सलाह और कौशल विकास का लाभ मिल रहा है।