लखनऊ:
लखनऊ की स्पेशल एनआईए कोर्ट ने मंगलवार को भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन बम ब्लास्ट मामले के आठ दोषियों को सजा सुना दी. कोर्ट ने सात को फांसी की सजा और एक को उम्रकैद की सजा सुनाई. जानकारी के मुताबिक आतंकी संगठन आईएसआईएस के मो. फैसल, गौस मो. खान, मो. अजहर, अतीक मुज्जफर, मो. दानिश, मो. सिय्याद मीर हुसैन, आसिफ इकबाल उर्फ रॉकी को फांसी दी गई है जबकि मो. आतिफ को आजीवन कारावास दिया गया है .
7 मार्च 2017 को मध्यप्रदेश के शाजापुर के पास सुबह 9:38 बजे जबड़ी रेलवे स्टेशन पर भोपाल-उज्जैन पैसेंजर ट्रेन ब्लास्ट में 9 लोग घायल हो गए थे. इस पूरे मामले की जांच को केंद्र सरकार ने एनआईए को सौंप दी थी. एनआईए ने लखनऊ एनआईए कोर्ट में चार्जशीट पेश की थी. वैसे मामले का खुलासा एटीएस ने किया था, जिसके बाद जांच एनआईए को सौंप की दी गई थी. एटीएस ने जांच के दौरान लखनऊ में एनकाउंटर में एक आतंकी लखनऊ में सैफुल्ला नाम के एक शख्स को मार गिराया था.
एनआईए की पड़ताल में भारी मात्रा में गोला-बारूद बरामद हुआ था. बाद में एनआईए ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें आरोपियों पर देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने, आतंकी गतिविधियों के लिए धन इकट्ठा करने, विस्फोटक और हथियार जुटाने, जाकिर नायक का वीडियो देखने के बाद देहात के लिए ट्रेनिंग देने का मुकदमा चलाया गया.
24 फरवरी को कोर्ट ने पाया था दोषी
जानकारी के मुताबिक एनआईए कोर्ट में पिछली सुनवाई के दौरान जज विवेकानंद शरण त्रिपाठी के समक्ष सभी आरोपियों ने कहा था कि हम सभी अलग-अलग मामलों 15 साल से जेल में हैं, अब हम लोगों को बरी कर दिया जाए. इस पर न्यायाधीश विवेकानंद त्रिपाठी ने कहा, ‘मामले में जो आखिरी फैसला आएगा, उसमें इस सजा को जोड़ा जाएगा.”
वहीं, इस मामले में एनआईए कोर्ट के पब्लिक प्रॉसिक्यूटर बृजेश यादव ने बताया कि 24 फरवरी को कोर्ट ने 8 आतंकियों को दोषी पाया था और आज सजा के बिंदुओं पर सुनवाई थी. हम लोगों ने अपनी तरफ से बहस में आरोपियों को सख्त से सख्त सजा दिए जाने की मांग की है.
उन्होंने आगे कहा कि आतंकियों ने का किया अपराध बहुत ही गंभीर है. उन्होंने भारत सरकार के खिलाफ जंग छेड़ने का काम किया था. साथ ही प्रतिबंधित आईएसआई संगठन की विचारधारा से प्रेरित होकर रमेश बाबू शुक्ला नाम के व्यक्ति की हत्या की थी.
धारा-121 के तहत आतंकियों पर था केस
पिछली सुनवाई में बृजेश यादव ने बताया था कि आतंकियों पर धारा 121 के तहत केस दर्ज है. इसमें आजीवन कारावास और मृत्युदंड की सजा शामिल है. हमारी मांग है कि इन्हें ऐसी सजा मिले, जिसे सुन आगे से कोई ऐसा अपराध न करे.
सैफुल्ला ने कहा था- मरना पसंद करूंगा
तेलंगाना पुलिस ने ट्रेन बम ब्लास्ट के कुछ देर बाद ही आतंकियों के नाम सहित लखनऊ, कानपुर और कई शहरों में इनके छिपने के ठिकाने बता दिए थे. इसके बाद 7 मार्च 2018 को ही लखनऊ में एटीएस ने आतंकी सैफुल्ला को घेर लिया था. उससे सरेंडर के लिए कहा गया, लेकिन उसने कहा कि वह सरेंडर करने के बजाय मरना पसंद करेगा. करीब 11 घंटे तक चले इस ऑपरेशन के बाद सैफुल्ला को मार गिराया गया है. हालांकि, पुलिस उसे जिंदा पकड़ना चाहती थी.