सिंधिया ने शर्मा का माइक बंद कर सम्मान किया? क्या है बीजेपी का दावा और प्रोटोकॉल की सच्चाई

भोपाल

मध्य प्रदेश के लिए यह वर्ष चुनावी साल है। सभी राजनीतिक दल और सभी राजनेता अपना पद और कद बढ़ाने के लिए जद्दोजहद करते दिख रहे हैं। हाल ही में केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ है। इस वायरल वीडियो पर कांग्रेस ने कहा कि बीजेपी की आंतरिक कलह अब सार्वजनिक मंचों में दिखाई देने लगी है। वहीं, इसे पावर पॉलिटिक्स से भी जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल, मामला शिवपुरी जिले का है। जहां भाषण देने पहुंचे बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को बीच में ही रोक कर केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया खुद भाषण देने लेग। इस पूरे मामले को बीजेपी ने प्रोटोकॉल का नाम लेकर बचने की कोशिश में लगी है।

इस घटना के बाद कांग्रेस लगातार भाजपा पर हमलावर है। कांग्रेस का कहना है कि ये आंतरिक कलह है और सिंधिया ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा का अपमान किया है। जबकि बीजेपी ने पूरे मामले में सफाई देते हुए कहा कि यह पार्टी का प्रोटोकॉल है। बीजेपी में अध्यक्ष का पद सबसे बड़ा होता है। ऐसे में किसी भी कार्यक्रम में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सबसे आखिरी में सभा को संबोधित करते हैं। कांग्रेस का कहना है कि ये सरकारी कार्यक्रम था जिसमें पार्टी का प्रोटोकॉल नहीं चलता है।

कितनी सच है प्रोटोकॉल की बात
वीडियो वायरल होने के बाद बीजेपी सिंधिया, वीडी शर्मा के बचाव में दिख रही है। भाजपा कह रही है कि प्रदेश अध्यक्ष का भाषण बाद में होता है, इसलिए सिंधिया ने उन्हें रोक दिया। हालांकि यह बात और राजनीतिक गलियारे के लोगों को पच नहीं रही है। राजनीतिक विश्लेषक सवाल कर रहे हैं कि यह तो एक राजनीतिक आयोजन था। इसमें प्रोटोकॉल की बात कहां से आ गई, प्रोटोकॉल होता भी तो किसी भाषण देते हुए प्रदेश अध्यक्ष और सांसद को रोककर उन्हें सीट पर वापस भेज देना और खुद भाषण देना शुरू कर देना, अच्छी बात नहीं कही जा सकती। वहीं, दूसरी तरफ अभी हाल ही में पूर्वोत्तर के तीन राज्यों का चुनावी रिजल्ट आने के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय कार्यालय में एक कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में बीजेपी के कई सीनियर लीडर थे, लेकिन कार्यक्रम को सबसे पहले जेपी नड्डा ने संबोधित किया था।

अपने क्षेत्र में प्रभाव जताना चाहते हैं सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया 2019 के लोकसभा चुनाव के पहले गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से सांसद थे। साल 2019 में वे यहां से चुनाव हार गए। चुनाव में हार के बाद वो बीजेपी में शामिल हो गए थे। सिंधिया मौजूदा समय में मोदी कैबिनेट में मंत्री हैं। कार्यक्रम का आयोजन शिवपुरी में था। ऐसे में कहा जा रहा कि सिंधिया अपने क्षेत्र में पावर पॉलिटिक्स साबित करने के लिए ऐसा किया। बता दें कि सिंधिया सबसे ज्यादा एक्टिव ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में ही रहते हैं।

क्या बीजेपी में हैं दो गुट?
ज्योतिरादित्य सिंधिया से बीजेपी में शामिल होने के बाद से ही कहा जा रहा है कि एमपी में बीजेपी के दो गुट हैं। एक बीजेपी की खेमा और सिंधिया का खेमा। हालांकि खुद सिंधिया इस बात को नकार चुके हैं। सिंधिया का कहना है कि हम बीजेपी के कार्यकर्ता हैं और सभी फैसले पार्टी का शीर्ष नेतृत्व लेता है। कांग्रेस से भाजपा में आए सिंधिया प्रदेश की राजनीति में एक अलग केंद्र के रूप में दिखाई दे रहे हैं। सिंधिया और शिवराज सिंह चौहान के बीच अलग ही केमिस्ट्री दिखती है, लेकिन वीडी शर्मा, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा एक अलग धुरी में दिखते हैं।

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