भोपाल
प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में अब कुत्ते, बिल्ली, गाय, बैल, भैस और अन्य पशु पालने वालों को रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा। इसके लिए अलग-अलग सालाना शुल्क भी देना होगा। रजिस्ट्रेशन के साथ ही पशु का पहचान चिन्ह जारी किया जाएगा। वहीं, यदि पशु को आवारा छोड़ा तो नोटिस पर जुर्माना देना होगा।
नगरीय विकास और आवास विभाग ने यह व्यवस्था मध्यप्रदेश नगरपालिका (रजिस्ट्रीकरण तथा आवारा पशुओं का नियंत्रण) नियम 2023 में की है। नियमों में कहा गया है कि शहरी क्षेत्र में रहने वाले हर पशु को माइक्रो चिप, टैग अथवा किसी अन्य संसाधन से एक ब्रांडिंग कोड दिया जाएगा। इसमें पशुओं की श्रेणी में श्वान, बैल, घोड़ा, सुअर, ऊंट, खच्चर, बकरी, भेड़ या अन्य पशु शामिल हो सकते हैं। नियम के अनुसार एक साल बाद रजिस्ट्रेशन का नवीनीकरण कराना होगा। ऐसा नहीं करने पर प्रतिदिन रजिस्ट्रेशन शुल्क के 10 प्रतिशत की दर से पैनाल्टी लगेगी।
जानिए कितना लगेगा सालाना शुल्क
विभाग की तरफ से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार पशु मालिक को तीन महीने में रजिस्ट्रेशन कराना होगा। कुत्ते के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 150 रुपए और वार्षिक नवीनीकरण शुल्क 50 रुपए, गाय,बैल के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 200 रुपए और वार्षिक नवीनीकरण शुल्क 100 रुपए तथा अन्य पशु के लिए रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 रुपए और वार्षिक रजिस्ट्रेशन शुल्क 50 रुपए लगेगा। रजिस्ट्रेशन कराते समय पशु के पानी, प्रकाश, रखने की जगह और उसके मल निष्कासन की व्यवस्था के बारे में जानकारी देनी होगी।
रजिस्ट्रेशन न कराने पर दस गुना पैनाल्टी
विभाग के अनुसार पशु मालिक के तय समयसीमा में रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क के दस गुना पैनाल्टी का प्रावधान होगा। पशु मालिक को रजिस्ट्रेशन कराने के दौरान पशु चिकित्सक का सर्टिफिकेट देना होगा। इसमें बताना होगा कि पशु को कोई संक्रामक रोग नहीं है। आवारा घुमने वाले पशुओं को कांजी हाउस में रखा जाएगा। इसके बाद पशु मालिक को नोटिस जारी किया जाएगा और पेनाल्टी लगाई जाएगी।