हुड्डा के करीबी, जेजेपी-बीजेपी को चटाई थी धूल… सोनीपत के मेयर निखिल मदान ने क्यों छोड़ा कांग्रेस का साथ?

सोनीपत:

नगर निगम सोनीपत के मेयर निखिल मदान को दिल्ली स्थित हरियाणा भवन में आयोजित एक कार्यक्रम में कांग्रेस छोड़कर अपने समर्थकों के साथ बीजेपी में शामिल हो गए। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल और नव नियुक्त प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल बड़ौली भी मौजूद रहे। इस अवसर पर मनोहर लाल ने कहा कि बीजेपी सरकार की कार्यशैली से प्रभावित होकर मेयर निखिल मदान ने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की है। वे मेयर निखिल मदान का बीजेपी परिवार में स्वागत करते हैं।

नायब सैनी ने की निखिल मदान की तारीफ
वहीं, मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि सोनीपत के लोकप्रिय मेयर निखिल मदान विकास को लेकर हमेशा तत्पर रहते हैं। उनके भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने से निश्चित तौर पर सोनीपत के विकास कार्यों में तेजी आएगी। मेयर निखिल मदान ने इस दौरान बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व का आभार जताया। मेयर निखिल मदान ने कहा कि वे केंद्र सरकार की ओर से किए गए देशहित के कार्यों से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हुए हैं।

कौन हैं निखिल मदान
निखिल मदान सोनीपत और उसके आस पास के क्षेत्रों में एक बड़ा चेहरा हैं। उन्होंने निकाय नगर निगम चुनाव के दौरान जेजेपी और बीजेपी दोनों के प्रत्याशियों को धूल चटाई थी। इतना ही नहीं, निखिल मदान को हरियाणा के प्रमुख हुड्डा परिवार का भी करीबी माना जाता है। ऐसे में चुनाव से पहले उनका कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। मेयर निखिल मदान ने दिसंबर 2020 में हुए मेयर चुनाव में 72118 वोट प्राप्त कर अपने प्रतिद्वंद्वी से 13817 वोटों से जीत दर्ज की थी। मेयर बनने के बाद निखिल मदान लगातार जनता के बीच रहे और निगम क्षेत्र में करवाए गए विकास कार्यों से उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई।

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