विनेश के मेडल मामले में आ गई फैसले की घड़ी, CAS ने दिया बड़ा अपडेट

पेरिस,

पेरिस ओलंपिक 2024 में विनेश फोगाट मामले की सुनवाई 9 अगस्त (शुक्रवार) को पूरी हो गई थी. अब इसपर फैसला आज (10 अगस्त) आएगा. CAS की एडहॉक ड‍िवीजन ने निर्णय देने के लिए समय सीमा भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे तक के लिए बढ़ा दी है. यानी विनेश को मेडल मिलेगा या नहीं, इस पर आज रात 9.30 बजे तक आने की पूरी उम्मीद है. आमतौर पर एड-हॉक पैनल को फैसला सुनाने के लिए 24 घंटे का समय दिया जाता है. लेकिन, ताजा अपडेट के मुताबिक समय कुछ और घंटे बढ़ा दिया गया है.

CAS का क्या काम होता है?
कोर्ट ऑफ अर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट Court of Arbitration for Sport (CAS) दुनिया भर में खेलों के लिए बनाई गई एक स्वतंत्र संस्था है. इसका काम खेल से जुड़े सभी कानूनी विवादों का निपटारा करना है. 1984 में स्थापित अंतरराष्ट्रीय निकाय काम खेल से संबंधित विवादों को मध्यस्थता के माध्यम से निपटाते का काम करता है. इसका मुख्यालय लॉजेन , स्विटजरलैंड में है और इसकी अदालतें न्यूयॉर्क शहर, सिडनी और लॉजेन में स्थित हैं. अस्थायी अदालतें वर्तमान ओलंपिक मेजबान शहरों में भी स्थापित की जाती हैं.

बता दें कि सभी पक्षों को सुनवाई से पहले अपने विस्तृत कानूनी तर्क दाखिल करने और फिर मौखिक तर्क रखने का अवसर दिया गया था. सोल आर्बिट्रेटर ने संकेत दिया कि आदेश का परिचालन हिस्सा जल्द ही अपेक्षित है, जिसके बाद विस्तृत आदेश और कारण सामने रखे जाएंगे. IOA अध्यक्ष डॉ. पीटी उषा ने वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और विदुष्पत सिंघानिया के साथ-साथ IOA की ओर से तर्क प्रस्तुत करने में मदद करने के लिए स्पोर्ट्स लीगल टीम का आभार जताया.

विनेश की तरफ से सुनवाई के दौरान ये चार तर्क दिए गए.

1. विनेश ने दलील दी कि उन्होंने कोई धोखाधड़ी नहीं की.

2. उनका वजन बढ़ना शरीर की नेचुरली रिकवरी प्रक्रिया के कारण था.

3. विनेश की ओर से दलील दी गई कि अपने शरीर की देखभाल करना एथलीट का मौलिक अधिकार है.

4. विनेश की ओर से ये भी तर्क दिया गया कि प्रतियोगिता के पहले दिन उसके शरीर का वजन निर्धारित सीमा से कम था. वजन केवल रिकवरी के कारण बढ़ा और यह धोखाधड़ी का मामला नहीं है. अपने शरीर को स्वस्थ होने के लिए आवश्यक पोषक तत्वों की पूर्ति करना उनका मौलिक अधिकार है.

विनेश को कर दिया गया था डिस्क्वालिफाई
भारतीय रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 की महिलाओं की 50 किलो कुश्ती स्पर्धा के फाइनल से पहले वजन अधिक पाए जाने के कारण बुधवार को ओलंपिक से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. विनेश ने ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलवान बनकर इतिहास रचा था. सुबह तक उनका कम से कम रजत पदक पक्का लग रहा था, लेकिन उनका वजन 100 ग्राम अधिक पाया गया. 29 साल की विनेश को खेलगांव में पॉली क्लीनिक ले जाया गया क्योंकि सुबह उनके शरीर में पानी की कमी हो गई थी.

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