दिल्लीः 400 साल पुराने बारापूला ब्रिज के पास झुग्गियां हटाने की प्रक्रिया शुरू, PWD ने दिया अल्टीमेटम, BJP का विरोध

नई दिल्ली,

दिल्ली के 400 साल पुराने मुगलकालीन बारापूला ब्रिज के पास बनीं झुग्गियों को हटाने के लिए PWD ने नोटिस जारी किया है. इसका कारण जलभराव और ब्रिज का पुनरुद्धार बताया गया है. 1628 में बने इस पुल का ऐतिहासिक महत्व है. ASI को दिल्ली के LG ने ब्रिज को उसके पुराने स्वरूप में लाने को कहा है. करीब 200 झुग्गियां इस इलाके में हैं, जिन्हें हटाने के लिए 5 दिनों का समय दिया गया है, जिसकी मियाद 11 सितंबर को पूरी हो रही है. बीजेपी के झुग्गी झोपड़ी सेल ने इसको लेकर प्रदर्शन शुरू कर दिया है. बीजेपी ने 200 परिवारों को हटाने के पीछे केजरीवाल सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि अगर उनकी मांगों को नहीं माना गया तो वह PWD मंत्री के आवास का घेराव करेंगे.

विरोध प्रदर्शन कर रहे झुग्गी झोपड़ी सेल के सुशील चौहान ने दावा किया कि मोदी सरकार में झुग्गी झोपड़ी के लोगों को कालका जी, अशोक विहार,कठपुतली कॉलोनी में मकान दिया गया लेकिन आम आदमी पार्टी लोगों को घरों से बेदखल कर रही है.

दरअसल, बारापूला ड्रेन के आसपास करीब 200 झुग्गी होने से मानसून सीजन में जलभराव होता है. इसके आसपास लोग 40-50 सालों से रह रहे हैं. करीब 400 साल से अधिक पुराने मुगलकालीन बारापूला ब्रिज के पास बनीं 150-200 झुग्गियां हटाने के लिए PWD ने नोटिस जारी किया है. कहा गया है कि बारापूला ड्रेन के आसपास एनक्रोचमेंट के चलते ही आसपास की सड़कों पर जलभराव की गंभीर समस्या है. इसके अलावा पुरातत्व विभाग का ब्रिज को उसके पुराने स्वरूप में लाने का भी प्लान है, जिसके लिए भी झुग्गियां हटानी जरूरी बताया गया है.

1628 में बना था यह पुल
अफसरों का कहना है कि आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) को LG ने मुगलकालीन इस पुराने ब्रिज को पुराने स्वरूप में लाने को कहा है. इसके चलते ब्रिज के आसपास के अतिक्रमण को हटाने का प्लान है.

ऐसे पड़ गया बारापूला नाम
करीब 400 साल पहले मुगल बादशाह जहांगीर के संरक्षण में मीनार बानू आगा ने इस ब्रिज को बनवाया था. इसके 12 खंभों और 11 मेहराबों के कारण इसे बारापूला नाम दिया. यह पुल 1628 में बनाया गया था. पुल और इसके पास बने हुमायूं के मकबरे के बीच एक रास्ता बना हुआ था, जिसके दोनों तरफ पेड़ लगे हुए थे. इसे दिल्ली के सबसे खूबसूरत पुलों में से एक माना जाता था. ऐसा माना जाता है कि मुगलों ने तत्कालीन राजधानी आगरा से निजामुद्दीन दरगाह और हुमायूं के मकबरे तक पहुंचने के लिए रास्ते में यमुना नदी को पार करने के लिए बनवाया था.

 

About bheldn

Check Also

अगर किसानों को कुछ हुआ तो… डल्लेवाल की तबियत को लेकर किसानों की केंद्र सरकार को चेतावनी

नई दिल्ली एमएसपी सहित 13 मांगों को लेकर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। किसान …