पटना
इंटरनेशनल वाटर से बिहार में हाहाकार मचा हुआ है। नेपाल, तिब्बत और उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड में भारी बारिश के कारण नदियों में उफान से आठ जिलों में बाढ़ का पानी फैल गया है। गंगा, सोन, कोसी, बूढ़ी गंडक, गंडक, घाघरा और पुनपुन नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। जिससे पटना के साथ-साथ बक्सर, भागलपुर और बेगूसराय जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं। बक्सर के छह प्रखंडों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है। भोजपुर जिले में भी गंगा का पानी तेजी से बढ़ रहा है, पिछले चार दिनों से हालात बदतर होते जा रहे हैं। कई गांव पानी में डूब गए हैं और लोग ऊंची जगहों पर शरण लेने को मजबूर हैं। बेगूसराय में गंगा नदी के उफान से दियारा क्षेत्र में बाढ़ आ गई है, जिससे स्कूलों में पानी भर गया है और छात्रों और शिक्षकों के लिए वहां पहुंचना मुश्किल हो गया है। भागलपुर के चैनचक गांव में चांदन नदी पार करते समय एक दुखद घटना में एक छात्र की डूबने से मौत हो गई।
बिहार के 8 जिलों में हाहाकार, 4 तटबंध टूटे
बिहार में बाढ़ के हालात का आंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बुधवार को चार नदियों- भूतही, लोकाईन, धोवा और धनायन के तटबंध टूट गए। पटना जिले में धोवा और धनायन, नालंदा में लोकाईन और जहानाबाद में भूतही नदी के तटबंध टूटने से बड़े इलाके में बाढ़ का पानी घुस गया है। हालांकि, जल संसाधन विभाग का दावा है कि टूटे हुए तटबंधों की मरम्मत युद्धस्तर पर की जा रही है।
गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि से बक्सर, भोजपुर, पटना, समस्तीपुर और बेगूसराय के कई गांवों में बाढ़ का पानी घुस गया है। सोन नदी में आई बाढ़ से रोहतास, औरंगाबाद और भोजपुर के सैकड़ों गांव प्रभावित हुए हैं। पुनपुन और घाघरा नदी का जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे आसपास के इलाकों में दहशत का माहौल है। औरंगाबाद जिले के बारुण, ओबरा और दाउदनगर प्रखंड के तटीय इलाकों में सोन नदी का पानी फैल गया है।
रोहतास जिले के नौहट्टा प्रखंड के नावाडीह खुर्द गांव के पास रोहतास-यदुनाथपुर मुख्य सड़क पर चार फीट पानी भर गया है। तिअरा कला गांव के पास मुरकटिया जंगल में बना 20 फीट लंबा-चौड़ा पुलिया पानी में बह गया। यदुनाथपुर थाना सहित दो दर्जन गांवों का प्रखंड मुख्यालय से संपर्क टूट गया है।
‘पिछले 8 सालों में इतनी भयानक बाढ़ नहीं देखी’
भोजपुर जिले में गंगा नदी का पानी बढ़ने से हाहाकार मचा हुआ है। पिछले चार दिनों से पानी का स्तर बढ़ रहा है, जिससे कई गांव डूब गए हैं और लोगों को ऊंची जगहों पर शरण लेनी पड़ी है। किसानों की फसलें बर्बाद हो गई हैं और लोगों के सामने खाने-पीने का संकट खड़ा हो गया है। सबसे ज्यादा नुकसान शाहपुर प्रखंड के जवनिया गांव में हुआ है, जहां कई घर गंगा में समा गए हैं।
बाढ़ ने कई प्रखंडों के गांवों को अपनी चपेट में ले लिया है। बड़हरा प्रखंड में महुली गंगा नदी के किनारे बसे दर्जनों गांवों का संपर्क टूट गया है। लगातार बढ़ते जलस्तर के कारण लोगों को अपना घर-बार छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 8 सालों में इतनी भयानक बाढ़ नहीं देखी गई। किसानों की सैकड़ों बीघा में लगी फसलें पानी में डूब गई हैं, जिससे उनके सामने भूखमरी का खतरा मंडरा रहा है। पशुओं के लिए चारे की भी किल्लत हो गई है।
बक्सर जिले के प्रखंड बाढ़ की चपेट में
बक्सर जिले में गंगा नदी ने छह प्रखंडों बाढ़ की चपेट में ले लिया है। पिछले 12 घंटों से गंगा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, जिससे बाढ़ की स्थिति भयावह होती जा रही है। चौसा प्रखंड के बनारपुर गांव के पास मोहनिया-बक्सर स्टेट हाईवे तक बाढ़ का पानी पहुंच गया है। बक्सर प्रखंड में उमरपुर दियारा से लेकर बीस का डेरा, लक्ष्यमन राय का डेरा, साठ का डेरा, तिलक राय का हाता, महाजी डेरा और ढाबी गांव पूरी तरह से बाढ़ के पानी में डूब गए हैं। हालांकि, बक्सर कोइलवर तटबंध अभी तक सुरक्षित है और बाढ़ नियंत्रण विभाग और स्थानीय प्रशासन केशवपुर से बिहार घाट तक बांध की सुरक्षा के लिए अलर्ट पर हैं।