महायुति में विभाग बंटवारे को सुलझाने का ‘पुराना’ फॉर्मूला, शिंदे को मिलेगा उनका पसंदीदा महकमा, लेकिन…

मुंबई

विधानसभा चुनाव में प्रचंड जनादेश मिलने के बाद महायुति गठबंधन को सरकार बनाने में 12 दिन लग गए। इसके बाद से विभागों का आवंटन बंद हो गया है। सरकार को सत्ता में आए 5 दिन हो गए हैं लेकिन अभी भी कैबिनेट का विस्तार नहीं हो पाया है। बीजेपी को 22 मंत्री पद मिलने की संभावना है। जबकि शिवसेना को 11 और एनसीपी को 10 मंत्री पद मिल सकते हैं। महायुति विधायकों की संख्या करीब 237 है। इसलिए किसी को मौका देने की दुविधा हमेशा बनी रहती है।

कैबिनेट लिस्ट को दिल्ली से मिलेगी हरी झंडी
कैबिनेट सूची को दिल्ली में बीजेपी नेतृत्व से जल्द ही हरी झंडी मिल जाएगी। इसके लिए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस दिल्ली गए हैं। बीजेपी ज्यादातर हिसाब-किताब फडणवीस सरकार में रखने की तैयारी में है। संभावना है कि गृह और राजस्व विभाग बीजेपी के पास ही रहेंगे। शिवसेना को शहरी विकास मिल सकता है जबकि एनसीपी को वित्त मंत्रालय मिल सकता है। इसका मतलब यह है कि महायुति दरार को सुलझाने के लिए पुराने फॉर्मूले का ही इस्तेमाल करेगा। पिछली सरकार में भी अहम विभाग इसी तरह बांटे गए थे। शिंदे के लिए शहरी विकास विभाग अहम है। वह पहले भी इस विभाग को मैनेज कर चुके हैं लेकिन अब वे शहरी विकास के साथ-साथ आवास पर भी जोर दे रहे हैं।

कब होगा कैबिनेट विस्तार?
इस बात की पूरी संभावना है कि 14 दिसंबर को कैबिनेट का विस्तार हो जाएगा। विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 16 दिसंबर से नागपुर में शुरू हो रहा है। उससे पहले कैबिनेट का विस्तार किया जा सकता है। इसके लिए कल मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजित पवार के साथ बैठक हुई। इसमें विभागों के बंटवारे पर चर्चा हुई। शिंदे का गृह मंत्रालय पर जोर था लेकिन बीजेपी के उस विभाग को छोड़ने की संभावना बहुत कम है।

विभागों की हो सकती है अदला-बदली
महत्वपूर्ण विभागों को छोड़कर अन्य महकमों की अदला-बदली की जा सकती है। ऐसा लगता है कि बीजेपी गृह और राजस्व के साथ आवास और जल संसाधन मंत्रालय भी अपने पास रखेगी। एनसीपी को सहकारी विभाग मिलेगा। कृषि विभाग को लेकर बीजेपी-एनसीपी के बीच चर्चा चल रही है। शिवसेना को उत्पाद शुल्क और लोक निर्माण विभाग मिल सकते हैं। बीजेपी नेता ने कहा कि पिछली कैबिनेट में भी लगभग इसी तरह हिसाब-किताब बांटा गया था।

पिछली सरकार में किसके पास क्या?
पिछली सरकार में गृह, राजस्व, आवास, जल संसाधन मंत्रालय बीजेपी के पास थे। इस बात की प्रबल संभावना है कि वह अब भी बीजेपी के साथ ही रहेंगी। पिछली कैबिनेट में एनसीपी के धनंजय मुंडे के पास जो कृषि विभाग था, उस पर एनसीपी, बीजेपी के बीच चर्चा चल रही है। शिवसेना को शहरी विकास, उत्पाद शुल्क, सार्वजनिक कार्य मिलने की संभावना है। मुख्यमंत्री बनने के बाद से शहरी विकास शिंदे के पास था। जब उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री थे तब भी शिंदे इस विभाग के प्रभारी थे। इस विभाग के जरिए शिंदे ने सेना विधायकों को ताकत और फंड दिया। इसलिए ये विभाग शिंदे का पसंदीदा माना जा रहा है। पिछली कैबिनेट में एक्साइज ड्यूटी भी सेना के पास थी। इससे पहले लोक निर्माण विभाग बीजेपी के रवींद्र चव्हाण के पास था। यह शिवसेना को मिलने की संभावना है।

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