नई दिल्ली
दिल्ली में वायु प्रदूषण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को जरूरी दिशा निर्देश दिए। शीर्ष अदालत ने कहा कि वो उत्तर प्रदेश और हरियाणा को भी दिल्ली की तरह पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लागू करने का निर्देश देता है। लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारा मानना है कि यह प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा जब एनसीआर क्षेत्र का हिस्सा बनने वाले अन्य राज्य भी इसी तरह के उपाय लागू करेंगे। यहां तक कि राजस्थान ने भी उस हिस्से में इसी तरह का प्रतिबंध लगाया है जो एनसीआर क्षेत्रों में आता है। फिलहाल हम उत्तर प्रदेश और हरियाणा राज्यों को इसी तरह का प्रतिबंध लगाने का निर्देश देते हैं जो दिल्ली राज्य ने 19 दिसंबर 2024 के आदेश के तहत लगाया है।
जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने दिल्ली वायु प्रदूषण मामले की सुनवाई की तथा एम.सी. मेहता मामले के तहत राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एन.सी.आर.) में प्रदूषण से निपटने के उपायों की समीक्षा की। जिसमें पटाखों पर वर्ष भर के प्रतिबंध, ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआरएपी) और ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के कार्यान्वयन पर ध्यान केंद्रित किया गया।
सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शादान फरासत ने कोर्ट को बताया कि दिल्ली ने पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री, वितरण और उपयोग पर व्यापक प्रतिबंध लगा दिया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि इस उपाय के प्रभावी होने के लिए, पड़ोसी एनसीआर राज्यों को भी इसी तरह के प्रतिबंध लगाने चाहिए, क्योंकि उन राज्यों से अभी भी दिल्ली में पटाखे लाए जा सकते हैं। कोर्ट को बताया गया कि हरियाणा ने हरित पटाखों के उपयोग की अनुमति दे दी है, जबकि राजस्थान ने एनसीआर में आने वाले क्षेत्रों में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया है।
अपने आदेश में कोर्ट ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1993 की धारा 5 के तहत शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिल्ली सरकार ने तत्काल प्रभाव से पूरे वर्ष के लिए दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री, ऑनलाइन विपणन प्लेटफार्मों के माध्यम से वितरण और फोड़ने पर पूर्ण प्रतिबंध लागू कर दिया है। पीठ ने आगे कहा कि ऐसा प्रतिबंध तभी प्रभावी होगा जब अन्य एनसीआर राज्य भी इसी प्रकार के प्रतिबंध लगाएंगे। पटाखों पर प्रतिबंध के संबंध में अतिरिक्त निर्देशों पर विचार करने के लिए मामले को 15 जनवरी, 2025 को आगे की सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया है।
क्या है पूरा मामला
सुप्रीम कोर्ट ने पहले भी दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर लगे प्रतिबंधों के अपर्याप्त क्रियान्वयन पर चिंता जताई थी। 12 दिसंबर को सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एनसीआर राज्यों को निर्देश दिया था कि वे पटाखों के निर्माण, भंडारण, बिक्री, वितरण और उपयोग सहित पूरे साल के लिए उन पर प्रतिबंध लगाने का फैसला करें। कोर्ट ने इस बात पर जोर दिया कि वायु और ध्वनि प्रदूषण दोनों को नियंत्रित करने के लिए इस तरह का प्रतिबंध जरूरी है।