सुप्रीम कोर्ट में EVM के चारों अंगों की जांच वाली अर्जी, जनवरी में सुनवाई करेगा कोर्ट

नई दिल्ली,

हरियाणा कांग्रेस नेता करण सिंह दलाल द्वारा हरियाणा विधानसभा चुनावों में इस्तेमाल की गईं इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) की जांच की मांग वाली याचिका को चीफ जस्टिस संजीव खन्ना ने जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ के पास सुनवाई के लिए भेजा है. इस पर 20 जनवरी से शुरू होने वाले हफ्ते में सुनवाई होगी.

पांच बार के विधायक रहे करण सिंह दलाल ने अपनी याचिका में निर्वाचन आयोग (ECI) को EVM के चार कम्पोनेंट (कंट्रोल यूनिट, बैलट यूनिट, VVPAT और सिंबल लोडिंग यूनिट) की मेमोरी/माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन के लिए दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की है.याचिका में यह भी अनुरोध किया गया है कि यह प्रक्रिया 8 सप्ताह के भीतर पूरी की जाए.

याचिका में कहा गया है कि यह मामला देश की लोकतांत्रिक प्रक्रिया और विभिन्न राज्यों में होने वाले चुनावों को प्रभावित करता है. इसलिए इसे तत्काल हल किया जाना चाहिए.

कोर्ट ने ईवीएम जांच को लेकर क्या फैसला सुनाया था?
इस साल अप्रैल में तत्कालीन सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजीव खन्ना (वर्तमान में सीजेआई) और दिपांकर दत्ता की खंडपीठ ने देश में चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया था. इस आदेश के तहत, चुनाव में दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे उम्मीदवारों के लिखित अनुरोध पर पांच प्रतिशत ईवीएम की मेमोरी या माइक्रोकंट्रोलर की जांच और सत्यापन किया जाएगा.

यह जांच ईवीएम निर्माण करने वाली कंपनियों के इंजीनियरों द्वारा की जाएगी. इस प्रक्रिया के दौरान संबंधित उम्मीदवार और उनके प्रतिनिधि भी उपस्थित रहेंगे. इस दिशा-निर्देश का मुख्य उद्देश्य चुनाव प्रक्रिया में संभावित खामियों को दूर करना और जनता के विश्वास को बनाए रखना है.

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