वॉशिंगटन/काहिरा
अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपने अहम सहयोगी मुस्लिम देश मिस्र के लिए 5 अरब डॉलर से अधिक के हथियारों की संभावित बिक्री को मंजूरी दे दी है। अल जजीरा की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी विदेश विभाग ने शुक्रवार को इस बारे में कांग्रेस को जानकारी दी है। मिस्र और अमेरिका के बीच ये सौदा ऐसे समय हो रहा है, जब मध्य पूर्व एक राजनीतिक उथल-पुथल के दौर से गुजर रहा है। इसी महीने की शुरुआत में सीरिया में बशर अल-असद के शासन के पतन के बाद मिस्र में भी ऐसा ही खतरा मंडरा रहा है।
मिस्र को मिलेंगे ये हथियार
विदेश विभाग ने बताया कि उसने अमेरिकी निर्मित मिस्र के M1A1 अब्राम टैंकों के लिए 4.69 अरब डॉलर के उपकरणों की बिक्री को मंजूरी दी है। इसके साथ ही हेलफायर एयर-टू-सरफेस मिसाइलों में 63 करोड़ डॉलर और सटीक-गाइडेड युद्ध सामग्री में 3 करोड़ की बिक्री को मंजूरी दी है। अमेरिका ने अपने बयान में इसे मध्य पूर्व के महत्वपूर्ण रणनीतिक साझेदार और एक प्रमुख गैर नाटो सहयोगी की सुरक्षा में उठाया गया कदम बताया है।
मिस्र में भी सीरिया जैसा खतरा
सीरिया में विद्रोहियों की जीत के बाद मध्य पूर्व में अधिनायकवादी शासन के खिलाफ एक बार फिर से विद्रोह को प्रेरणा मिल सकती है। अब्देल फतह अल-सिसी के राज में मिस्र में भी अंदर ही अंदर एक आक्रोश बना हुआ है। एमनेस्टी का अनुमान है कि मिस्र में वर्तमान में लगभग 60,000 राजनीतिक कैदी हैं।
मिस्र ने पिछले दो वर्षों में सैकड़ों राजनीतिक कैदियों को माफी दी है, लेकिन अधिकार समूहों का कहना है कि इस अवधि में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 2021 में पद संभालने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने मानवाधिकारों को लेकर मिस्र के प्रति सख्त रुख अपनाने का वादा किया था, लेकिन बाद में उनके प्रशासन के दौरान कई हथियार सौदों को मंजूरी दी गई है। ऐसा लगता है कि मध्य पूर्व में चल रही उथल-पुथल के बीच वॉशिंगटन अपने एक प्रमुख गैर-नाटो सहयोगी को खोने का जोखिम नहीं उठाना चाहता है।