ढाका
बांग्लादेश में इस साल जून-जुलाई में हुए आंदोलन के बाद शेख हसीना की 15 साल पुरानी सरकार गिर गई थी। शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद अगस्त में प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में अंतरिम सरकार बनी है। इस सरकार पर बांग्लादेश में आम चुनाव कराकर इलेक्शन जीतने वाली पार्टी को सत्ता ट्रांसफर करनी की जिम्मेदारी है। चुनाव से पहले पूर्व पीएम खालिदा जिया की बांग्लादेश नेशलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने कई संदेह जाहिर किए हैं। शेख हसीना के सत्ता में रहने के समय देश की मुख्य विपक्षी पार्टी रही बीएनपी का कहना है कि जिस तरह से कुछ संगठन नई पॉलिटिकल पार्टी बना रहे हैं, वो चुनाव को गलत तरह प्रभावित करने की कोशिश है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शेख हसीना के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले कुछ संगठन फरवरी, 2025 तक नई राजनीतिक पार्टी बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें एंटी डिस्क्रिमेंट स्टूडेंट मूवमेंट (ADSM) और जातीय नागरिक कमेटी (JNC) शामिल हैं। ये दोनों संगठन शेख हसीना सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरे थे। बीएनपी को शक है कि ये संगठन नया सियासी दल चुनाव में गड़बड़ी करने के लिए बना रहे हैं। बीएनपी को लगता है कि नई बनने वाली पार्टी चुनाव में धांधली के लिए बन रही है।
‘खास मकसद से बनाई जा रही पार्टी’
जमात-ए-इस्लामी की समर्थक JNC के संयोजक नसीरुद्दीन पटवारी ने सियासी दल बनाने पर कहा है, ‘हमने शेख हसीना के फासीवाद को हराया है और अब बांग्लादेश के पुनर्निर्माण के लिए काम कर रहे हैं। हमने ADSM के साथ मिलकर ऐसे बांग्लादेश का सपना देखा है, जो दक्षिण एशिया ही नहीं दुनिया का आदर्श देश होगा।’ दूसरी ओर बीएनपी इस नई पार्टी को ‘नकली’ मानती है। बीएनपी का मानना है कि यह पार्टी चुनाव में धांधली की वजह बन सकती है। बीएनपी ने इस संबंध में अपनी चिंता जाहिर करते हुए निष्पक्ष चुनाव की मांग की है।
बांग्लादेश में साल 2025 के आखिर या फिर 2026 की शुरुआत में चुनाव होने की संभावना है। चुनाव से पहले बन रही यह नई पार्टी बांग्लादेश की राजनीति में एक नया मोड़ ला सकती है। बीएनपी के आरोपों के बाद इस पार्टी की भूमिका पर और ज्यादा नजर लग गई है। JNC और ADSM मिलकर राजनीतिक के मैदान में क्या कमाल करते हैं, इस पर ना सिर्फ बीएनपी बल्कि अवामी लीग की भी नजर रहेगी। हालांकि फिलहाल चुनाव की तारीखों को लेकर कोई स्पष्टता अंतरिम सरकार ने नहीं दिखाई है।