17.4 C
London
Sunday, June 8, 2025
Homeराष्ट्रीयदोषी नेताओं पर लाइफटाइम बैन का केंद्र सरकार ने किया विरोध, SC...

दोषी नेताओं पर लाइफटाइम बैन का केंद्र सरकार ने किया विरोध, SC में कहा- ये संसद का क्षेत्राधिकार

Published on

नई दिल्ली,

केंद्र सरकार ने आपराधिक मामलों में दोषी ठहराए जाने वाले राजनेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग वाली याचिका का सुप्रीम कोर्ट में विरोध करते हुए बुधवार को कहा कि इस तरह की अयोग्यता लागू करना पूरी तरह से संसद के अधिकार क्षेत्र में आता है.

केंद्र द्वारा अदालत में दायर हलफनामे में केंद्र में कहा, ‘याचिका में यही मांग की गई है जो कानून को फिर से लिखने या संसद को एक विशेष तरीके से कानून बनाने का निर्देश देने के समान है जो न्यायिक समीक्षा की शक्तियों से पूरी तरह बाहर है. ये सवाल कि क्या आजीवन प्रतिबंध उचित होगा या नहीं, ये पूरी तरह से संसद के अधिकार क्षेत्र में है.’

हलफनामे में कहा गया है कि दंड की कार्रवाई और जुर्माने को उचित समय अवधि तक सीमित रखने से सुधार सुनिश्चित किया जाता है. जबकि बेवजह की सख्ती से बचा जाता है.’

केंद्र ने कहा कि दंड के प्रभाव को समय के आधार पर सीमित करने में कोई असंवैधानिक बात नहीं है और यह कानून का स्थापित सिद्धांत है कि दंड या तो समय के आधार पर या फिर परिणाम के आधार पर सीमित होता है. हलफनामे में कहा गया है, ‘यह प्रस्तुत किया गया है कि याचिकाकर्ता द्वारा उठाए गए मुद्दों के व्यापक प्रभाव हैं और वे स्पष्ट रूप से संसद की विधायी नीति के अंतर्गत आते हैं तथा इस संबंध में न्यायिक समीक्षा की रूपरेखा में उचित परिवर्तन किया जाएगा.”

अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में देश में सांसदों और विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों के शीघ्र निपटारे के अलावा दोषी ठहराए गए राजनेताओं पर आजीवन प्रतिबंध लगाने की मांग की गई है.केंद्र ने अपने हलफनामे में कहा कि शीर्ष अदालत ने लगातार कहा था कि एक विकल्प या दूसरे विकल्प पर विधायी विकल्प पर अदालत में सवाल नहीं उठाया जा सकता.

क्या कहती है धारा 8 और 9
केंद्र ने बताया कि धारा 8 के अनुसार किसी विशेष अपराध के लिए दोषी ठहराए गए व्यक्ति को जेल की अवधि पूरी होने के बाद छह साल तक अयोग्य घोषित किया जाता है. इसी तरह धारा 9 में यह प्रावधान है कि भ्रष्टाचार या राज्य के प्रति निष्ठाहीनता के कारण बर्खास्त किए गए लोक सेवकों को बर्खास्त करने की तारीख से पांच साल तक पात्रता से वंचित रखा जाएगा. हालांकि, याचिकाकर्ता ने तर्क दिया कि इस तरह की अयोग्यता को आजीवन प्रतिबंध तक बढ़ाया जाना चाहिए. अयोग्यता की अवधि संसद द्वारा प्रोपोर्शनल और रीजनेबलनेस के सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए तय की जाती है.

इसमें कहा गया है, “संसदीय नीति के तहत आरोपित धाराओं के तहत की गई अयोग्यताएं समय तक सीमित हैं और इस मुद्दे पर याचिकाकर्ता की समझ को प्रतिस्थापित करना तथा आजीवन प्रतिबंध लगाना उचित नहीं होगा.” केंद्र ने कहा कि विवादित प्रावधान संवैधानिक रूप से मजबूत हैं और उनमें अतिरिक्त प्रतिनिधिमंडल के दोष से ग्रस्त नहीं हैं.और वह संसद के विधायी प्राधिकार के अंदर आते हैं.

फिर से कानून बदलने जैसा है
केंद्र ने ये भी तर्क दिया कि याचिकाकर्ता द्वारा की गई मांगी अनिवार्य रूप से जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 की सभी उप-धाराओं में छह वर्ष को आजीवन में बदलना फिर से कानून लिखने के बराबर होगा. इस तरह के रवैया ना तो न्यायिक समीक्षा में मान्यता दी गई है और न ही संवैधानिक कानून के किसी भी स्थापित सिद्धांतों के साथ जुड़ा हुआ है.

केंद्र ने कहा कि याचिका अयोग्यता के आधार पर अयोग्यता के प्रभावों के बीच महत्वपूर्ण अंतर स्पष्ट करने में विफल रही. हलफनामे में कहा गया कि याचिकाकर्ता का संविधान के अनुच्छेद 102 और 191 पर भरोसा पूरी तरह से गलत था. संविधान के अनुच्छेद 102 और 191 संसद, विधान सभा या विधान परिषद के किसी भी सदन की सदस्यता के लिए अयोग्यता से संबंधित हैं.

सरकार ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की प्रार्थना कानून को फिर से लिखने या संसद को किसी विशेष तरीके से कानून बनाने का निर्देश देने के समान है, जो न्यायिक समीक्षा की शक्तियों से पूरी तरह बाहर है. यह सामान्य कानून है कि न्यायालय संसद को कानून बनाने या किसी विशेष तरीके से कानून बनाने का निर्देश नहीं दे सकता.’

इसके अलावा सरकार ने इस बात पर भी जोर दिया कि कई दंडात्मक कानून अयोग्यता पर समय-सीमा प्रतिबंध लगाते हैं. इसमें कहा गया है कि दंड के प्रभाव को एक निश्चित अवधि तक सीमित करने के बारे में कुछ भी असंवैधानिक नहीं है.

Views: 0

Latest articles

MP Gold Price Today मध्य प्रदेश में सोने-चांदी के ताज़ा दाम जानिए भोपाल के ताज़ा दाम

MP Gold Price Today: सोने-चांदी की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी है. मध्य प्रदेश के...

Indore Couple Missing राजा रघुवंशी के हत्यारे का लगा सुराग हत्या में इस्तेमाल हुआ चाकू बनेगा अहम सुराग

Indore Couple Missing: पुलिस को इंदौर के कपल राजा रघुवंशी और सोनम के मामले...

मध्य प्रदेश के शिवपुरी में रहस्यमयी भदैया कुंड क्या यहाँ डुबकी लगाने से अमर हो जाता है प्यार

आजकल जहाँ रिश्तों को निभाना मुश्किल होता जा रहा है, वहीं हर कोई चाहता...

MP Road Accident: मध्य प्रदेश के पन्ना में भीषण सड़क हादसा बारातियों से भरा पिकअप पलटा 24 से ज़्यादा घायल

MP Road Accident: मध्य प्रदेश के पन्ना ज़िले में एक 'भयानक' सड़क हादसा हो गया...

More like this

Monsoon 2025 भारत में ‘जल्दी’ पहुँची बारिश मौसम में आया बड़ा बदलाव

Monsoon 2025: भारत में इस समय मॉनसून 2025 का असर साफ़ दिख रहा है।...

FIRST INDIAN PRIVATE COMPANY: अनिल अंबानी की कंपनी बनी गोला-बारूद बनाने वाली भारत की पहली प्राइवेट कंपनी

FIRST INDIAN PRIVATE COMPANY: अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले रिलायंस समूह की प्रमुख कंपनी...