महू (इंदौर),
महू कस्बे में रविवार देर रात आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी 2025 में भारत की जीत के जश्न के दौरान भड़की हिंसा ने इलाके में तनाव पैदा कर दिया. इस घटना में चार लोग घायल हुए और तीन कारों सहित कई दोपहिया वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया. शहर काजी मोहम्मद जाबिर ने इसे लेकर बड़ा बयान दिया है.
शहर काजी ने कहा, “मस्जिद के सामने से जुलूस निकालना प्रतिबंधित था, फिर भी ऐसा किया गया. मस्जिद के पास शरारत हुई और मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि शुरुआत दूसरे पक्ष से हुई. दोनों तरफ से पत्थरबाजी हुई, कोई दूध का धुला नहीं है. मुस्लिमों की दुकानें और गाड़ियां भी जलीं. प्रशासन की चूक भी रही. उन्हें शायद नहीं पता था कि भारत-न्यूज़ीलैंड मैच में भी ऐसा हाल हो सकता है, उन्हें तो भारत-पाकिस्तान का मालूम था. लेकिन कल कोई तैयारी नहीं थी. मेरी अपील है कि शांति बहाल हो और दोषियों पर कार्रवाई हो.”
पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया है. इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि स्थिति अब नियंत्रण में है. पुलिस ने ताल मोहल्ला, सेवा मार्ग, पत्ती बाजार, मानेक चौक और जामा मस्जिद इलाकों में हुई पांच घटनाओं की जांच शुरू की है.
कलेक्टर ने कहा, “हिंसा की सूचना पर पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और शांति बहाल की. कुछ आरोपियों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई होगी. लोगों के बयानों और वीडियो के आधार पर और एफआईआर दर्ज की जाएंगी.”
महू थाना प्रभारी राहुल शर्मा ने बताया कि जुलूस के दौरान पटाखे फोड़ने और नारेबाजी को लेकर विवाद शुरू हुआ, जो पथराव और आगजनी में बदल गया. सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल वीडियो की जांच की जा रही है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, जुलूस जामा मस्जिद के पास पहुंचा तो वहां पत्थरबाजी शुरू हुई, जिसके बाद हालात बेकाबू हो गए.
कलेक्टर ने अफवाहें न फैलाने की अपील की और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिलाया. पुलिस उपमहानिरीक्षक निमिष अग्रवाल ने कहा कि जांच से साफ होगा कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है. फिलहाल इलाके में भारी पुलिस बल तैनात है.