नई दिल्ली
ट्रंप के टैरिफ को लेकर पिछले कई दिनों से शेयर बाजार में खौफ का माहौल था। दो दिन में विदेशी निवेशक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के शेयर बेच चुके थे। आखिरकार बुधवार को ट्रंप ने टैरिफ की घोषणा कर दी। उन्होंने पिछले 100 साल में सबसे ज़्यादा टैरिफ लगाए हैं जिससे 60 से अधिक देश प्रभावित हुए हैं। इससे ट्रेड वॉर बढ़ने और पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था के प्रभावित होने की आशंका है। भारत से अमेरिका को होने वाले एक्सपोर्ट पर 26% का टैरिफ लगाया गया है। लेकिन घरेलू शेयर बाजार में आज उस तरह की उथलपुथल नहीं दिखी जैसी आशंका जताई जा रही थी। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स में 500 अंक की गिरावट आई लेकिन दिन चढ़ने के साथ यह सुधर गया और गिरावट 250-300 अंक के आसपास रह गई। आखिर कैसे हुआ यह चमत्कार…
बर्नस्टीन की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत इस टैरिफ की मुश्किलों से आसानी से निपट सकता है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत ट्रेड को लेकर झगड़ा बढ़ाने के बजाय अमेरिका से बातचीत करेगा। शुरुआत में मार्केट पर इसका बुरा असर पड़ सकता है लेकिन साल के दूसरे हिस्से में अर्थव्यवस्था फिर से ठीक हो जाएगी। जीटीआरआई के फाउंडर अजय श्रीवास्तव का कहना है कि ट्रंप ने चीन, वियतनाम, ताइवान, थाईलैंड और बांग्लादेश जैसे कई एशियाई और यूरोपीय देशों पर ज्यादा टैरिफ लगाए हैं। इससे भारत को ग्लोबल ट्रेड और मैन्युफैक्चरिंग में अपनी जगह मजबूत करने का मौका मिल सकता है।
किस सेक्टर को होगा फायदा
श्रीवास्तव ने बताया कि भारत से स्टील, एल्युमीनियम और ऑटो से जुड़े सामान के एक्सपोर्ट पर 25% का टैरिफ लगेगा। लेकिन दवाइयों, सेमीकंडक्टर, कॉपर और एनर्जी प्रोडक्ट्स पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। भारत पर 26% का टैरिफ लगा है, जो यूरोपियन यूनियन (20%), जापान (24%) और साउथ कोरिया (25%) से थोड़ा ज़्यादा है। लेकिन ये चीन (54%) से काफी कम है। वियतनाम पर 46% का टैरिफ लगा है, जबकि थाईलैंड और इंडोनेशिया पर क्रमशः 36% और 32% का टैरिफ लगा है। कुछ विकसित देशों जैसे यूके (10%) और स्विट्जरलैंड (34%) पर कम टैरिफ है लेकिन वे भारत के साथ एक्सपोर्ट के मामले में सीधे मुकाबला नहीं करते हैं। एशियाई देशों में सिर्फ मलेशिया (24%) ही कुछ सेक्टरों में भारत के साथ मुकाबला करता है।
अमेरिका में टैरिफ लगने से टेक्सटाइल, इंजीनियरिंग गुड्स, इलेक्ट्रॉनिक्स और जेम्स एंड ज्वैलरी जैसे एक्सपोर्ट सेक्टर पर सबसे ज़्यादा असर पड़ने की उम्मीद है। हालांकि सरकारी अधिकारियों और इंडस्ट्री के लीडर्स ने चिंताओं को कम करने की कोशिश की है। उनका कहना है कि भारत अभी भी अपने कुछ कंपटीटर्स से बेहतर स्थिति में है। एक सीनियर अधिकारी ने बताया कि ये एक मिला-जुला असर है और भारत के लिए कोई झटका नहीं है।
फार्मा कंपनियों की चांदी
भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के लिए एक बड़ी राहत की खबर है। ट्रंप ने दवाइयों को नए टैरिफ से छूट दे दी है। इससे भारत की दवा कंपनियों को राहत मिलेगी। दवा कंपनियों के शेयरों में आज 15 फीसदी तक उछाल देखी गई। अमेरिका का मार्केट भारत की फार्मास्युटिकल इंडस्ट्री के लिए बहुत अहम है। इंडस्ट्री के लीडर्स ने इस छूट का स्वागत किया है। उनका कहना है कि सस्ती जेनेरिक दवाएं पब्लिक हेल्थ, इकॉनमी और नेशनल सिक्योरिटी के लिए कितनी जरूरी हैं। नए टैरिफ के बावजूद अमेरिका को होने वाले भारत के एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट स्थिर रहने या बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि दूसरे देशों पर ज्यादा टैरिफ लगाया गया है।
एग्री एक्सपोर्ट पर कम असर
एग्रीकल्चर इकनॉमिस्ट अशोक गुलाटी ने बताया कि भारत के एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पर इसके क्षेत्रीय प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में कम असर पड़ेगा।सीफूड और चावल जैसे एग्रीकल्चर एक्सपोर्ट पर ट्रंप 26% टैरिफ का कम असर हो सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि इस क्षेत्र के दूसरे देशों पर ज्यादा टैक्स लगाया गया है। गुलाटी ने कहा कि सीफूड एक्सपोर्ट खासकर झींगा के मामले में भारत को टैरिफ का फायदा मिलेगा। इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट सेक्टर में भी भारत पड़ोसी देशों चीन और वियतनाम से बेहतर स्थिति में है। भारत पर जो नया टैरिफ लगाया गया है, वो उसके कंपटीटर्स की तुलना में काफी कम है।
इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर की आस
इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) ने कहा कि टैरिफ के पहले राउंड में भारत फायदे में रहा है। चीन, वियतनाम, थाईलैंड और इंडोनेशिया जैसे इलेक्ट्रॉनिक्स एक्सपोर्ट में भारत के कंपटीटर्स की तुलना में भारत को बेहतर टैरिफ ट्रीटमेंट मिला है। ब्राजील और मिस्र जैसे कुछ देशों को थोड़ा बेहतर टैरिफ ट्रीटमेंट मिला है, लेकिन चीन और वियतनाम की तुलना में भारत की स्थिति काफी मजबूत है। चीन पर अब 54%-79% तक का टैरिफ लग सकता है जबकि वियतनाम पर 46% का टैरिफ लगा है। ICEA ने कहा कि इससे भारत को एक्सपोर्ट में कॉम्पिटिटिव होने का मौका मिलेगा।
टेक्सटाइल सेक्टर क्योंं है खुश
अपेरल एक्सपोर्ट प्रोमोशन काउंसिल के महासचिव मिथिलेश ठाकुर बताते हैं कि टेक्सटाइल सेक्टर को भी ट्रंप के टैरिफ से फायदा हो सकता है। वियतनाम, बांग्लादेश, कंबोडिया, पाकिस्तान और चीन जैसे टेक्सटाइल एक्सपोर्ट करने वाले देशों पर ज्यादा टैरिफ लगाया गया है जिससे भारत को फायदा हो सकता है। अमेरिका इंडियन टेक्सटाइल का सबसे बड़ा खरीदार है। 2023-24 में, भारत का टेक्सटाइल एक्सपोर्ट लगभग 36 बिलियन डॉलर था जिसमें अमेरिका का हिस्सा लगभग 28% यानी 10 बिलियन डॉलर था। भारत के टेक्सटाइल एक्सपोर्ट में अमेरिका का हिस्सा लगातार बढ़ रहा है। 2016-17 और 2017-18 में ये 21% था, 2019-20 में 25% और 2022-23 में 29% तक पहुंच गया।