चेन्नै:
बीजेपी नेता नैनार नागेंद्रन तमिलनाडु बीजेपी के 13वें अध्यक्ष बनने वाले हैं। वह पहले AIADMK में थे। पार्टी सूत्रों के अनुसार, इस पद के लिए उन्होंने अकेले ही नामांकन भरा था। बीजेपी और AIADMK के बीच गठबंधन की संभावना के बीच उनका अध्यक्ष बनना महत्वपूर्ण है। नागेंद्रन 2017 में बीजेपी में शामिल हुए थे। बताया गया है कि पूर्व तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने नागेंद्रन के नाम का प्रस्ताव दिया था।
किसने किया नाम का प्रस्ताव?
बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने कमललयम में यह घोषणा की। कमललयम पार्टी का राज्य मुख्यालय है। उन्होंने कहा कि हमें नैनार नागेंद्रन के नाम का प्रस्ताव मिला है। यह प्रस्ताव के अन्नामलाई, एल मुरुगन, राधाकृष्णन, एच राजा, वनथी श्रीनिवासन, वीपी दुरईसामी, कनागासबपति, वी बालागणपति, केपी रामलिंगम और नारायणन तिरुपति ने दिया है। इसका मतलब है कि इन सभी नेताओं ने नागेंद्रन को अध्यक्ष बनाने का समर्थन किया है।
कौन हैं नैनार नागेंद्रन?
नैनार नागेंद्रन का राजनीतिक जीवन काफी लंबा रहा है। उन्होंने 2001 में पहली बार तिरुनेलवेली सीट से AIADMK उम्मीदवार के रूप में चुनाव जीता था। जयललिता के नेतृत्व वाली AIADMK सरकार (2001-06) में उन्होंने परिवहन, उद्योग और बिजली जैसे महत्वपूर्ण विभाग संभाले। 2011 में वे फिर से उसी सीट से जीते, लेकिन उन्हें मंत्री नहीं बनाया गया। 2006 और 2016 के विधानसभा चुनावों में वे कुछ वोटों से हार गए थे।
कब हुए बीजेपी में शामिल?
2016 में जयललिता के निधन के बाद नागेंद्रन अगस्त 2017 में बीजेपी में शामिल हो गए। 2021 में वे फिर से उसी सीट से बीजेपी उम्मीदवार के रूप में जीते। इसके बाद उन्हें तमिलनाडु विधानसभा में विधायक दल का नेता बनाया गया। नागेंद्रन ने 2019 और 2024 के लोकसभा चुनावों में भी किस्मत आजमाई। उन्होंने रामनाथपुरम और तिरुनेलवेली सीटों से चुनाव लड़ा, लेकिन वे जीत नहीं पाए।
नैनार नागेंद्रन से बीजेपी को क्या फायदा?
नैनार नागेंद्रन अब तमिलनाडु बीजेपी के अध्यक्ष होंगे। उनका लंबा राजनीतिक अनुभव और AIADMK से जुड़ाव बीजेपी के लिए फायदेमंद हो सकता है। तरुण चुघ ने कहा कि उन्हें कई बड़े नेताओं का समर्थन मिला है। नागेंद्रन पहले मंत्री भी रह चुके हैं, लेकिन उन्हें लोकसभा चुनावों में सफलता नहीं मिली। अब देखना यह है कि वे बीजेपी को आगे बढ़ाने में कैसे मदद करते हैं।