धीमी हो गई औद्योगिक उत्पादन के ग्रोथ की रफ्तार! 7 महीने के निचले लेवल पर आकर हुई 2.9 फीसदी

फरवरी के महीने में देश का औद्योगिक उत्पादन ग्रोथ इंडेक्स (IIP) अपने 7 महीने के सबसे निचले स्तर पर आ गया है. शुक्रवार को जारी सरकारी आंकड़े के मुताबिक, फरवरी में IIP ग्रोथ रेट 2.9 फीसदी रहा, जो कि जनवरी 2025 में 5.0 फीसदी के क्विक एस्टिमेट पर था. अगर 3 प्रमुख सेक्टर की बात करें तो फरवरी 2025 में माइनिंग 1.6 फीसदी, मेन्यूफैक्चरिंग 2.9 फीसदी और इलेक्ट्रिसिटी 3.6 फीसदी पर रहा.

देश के औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार फरवरी में धीमी होकर 2.9 फीसदी हो गई। यह पिछले छह महीनों में सबसे कम है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, मैन्‍यूफैक्‍चरिंग, माइनिंग और बिजली जैसे क्षेत्रों में खराब प्रदर्शन के कारण ऐसा हुआ। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के मुताबिक, फरवरी 2024 में औद्योगिक उत्पादन में 5.6 फीसदी की ग्रोथ हुई थी।

सरकार ने जनवरी 2025 के लिए औद्योगिक विकास के आंकड़े को बदलकर 5.2 फीसदी कर दिया है। पहले मार्च में जारी आंकड़ों में इसके 5 फीसदी रहने का अनुमान था। इससे पहले, सबसे निचला स्तर पिछले साल अगस्त में था। उस समय विकास दर 0 फीसदी पर स्थिर थी।

क्‍या कह रहे हैं एक्‍सपर्ट्स?
रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा, ‘…पिछले साल फरवरी में 29 दिन होने के कारण तुलनात्मक आधार कमजोर रहा। IIP की सालाना ग्रोथ इस साल फरवरी में घटकर 2.9 फीसदी रही…गिरावट हर तरफ थी। उपयोग आधारित वस्तुओं समेत बिजली को छोड़कर दो क्षेत्रों में विकास दर धीमी हुई है। इसके कारण इस साल फरवरी में सालाना आधार पर वृद्धि कम हुई है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘फरवरी 2025 की तुलना में मार्च 2025 में खनन का प्रदर्शन खराब होने की आशंका है। हालांकि, विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि बनी रहने के बीच इसकी भरपाई बिजली उत्पादन बढ़ने से होने की उम्मीद है।’ इसका मतलब है कि खनन क्षेत्र में विकास धीमा हो सकता है, लेकिन बिजली उत्पादन बढ़ने से मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर को मदद मिल सकती है।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़ों के अनुसार, मैन्‍यूफैक्‍चरिंग क्षेत्र की उत्पादन वृद्धि फरवरी 2025 में धीमी होकर 2.9 फीसदी रही। पिछले साल इसी महीने में यह 4.9 फीसदी थी। इसका मतलब है कि मैन्‍यूफैक्‍चरिंग सेक्‍टर में उत्पादन की गति धीमी हो गई है।

खनन उत्पादन ग्रोथ इस महीने में 1.6 फीसदी रही। पिछले साल फरवरी में यह 8.1 फीसदी थी। इससे पता चलता है कि खनन क्षेत्र में भी उत्पादन कम हुआ है।आंकड़ों के अनुसार, फरवरी 2025 में बिजली उत्पादन की ग्रोथ भी धीमी होकर 3.6 फीसदी रही। पिछले साल इसी महीने में यह 7.6 फीसदी थी। इसका मतलब है कि बिजली उत्पादन में भी ग्रोथ कम हुई है।

वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से फरवरी के दौरान IIP में 4.1 फीसदी की ग्रोथ हुई। पिछले साल इसी अवधि में यह 6 फीसदी थी। इससे पता चलता है कि इस साल औद्योगिक उत्पादन में ग्रोथ की दर पिछले साल से कम है।

 

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