अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को इन दिनों कई मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें वीजा रद्द किया जाना प्रमुख है। अमेरिका ने कई भारतीयों के वीजा रद्द किए हैं। कुछ छात्रों के वीजा फिलिस्तीन समर्थक प्रदर्शन करने को लेकर हुए हैं, तो कुछ छात्रों को ट्रैफिक सिग्नल तोड़ने जैसे मामूली अपराधों की वजह से। ऐसे में अमेरिका में पढ़ रहे भारतीय काफी ज्यादा परेशान हैं। इस बीच भारत सरकार ने कहा है कि वह छात्रों के साथ लगातार संपर्क में है।
विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को कहा कि अमेरिका में मौजूद भारतीय दूतावास उन छात्रों की मदद कर रहे हैं, जिन्हें इन दिनों वीजा से जुड़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल का ये बयान ऐसे समय पर सामने आया है, जब अमेरिका में पढ़ने वाले भारतीय छात्रों को स्थानीय अधिकारियों के जरिए बताया जा रहा है कि उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां पर छात्रों को वीजा रद्द होने की जानकारी मिली है और फिर उन्हें देश छोड़ना पड़ा है।
सरकार ने क्या कहा?
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल से साप्ताहिक मीडिया ब्रीफिंग में पूछा गया कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की सरकार के जरिए भारतीय छात्रों के वीजा रद्द किए जा रहे हैं, क्या सरकार को इस बारे में मालूम है। इसके जवाब में जायसवाल ने कहा, “हमें पता है कि कई भारतीय छात्रों को अमेरिकी सरकार से उनके F-1 वीजा स्टेटस के बारे में सूचना मिली है, जो कि स्टूडेंट वीजा होता है। हम इस मामले को देख रहे हैं। हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावास छात्रों को हर संभव मदद देने के लिए उनसे संपर्क में हैं।”
अमेरिकी अधिकारियों के खिलाफ छात्रों ने किया केस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिशिगन की कुछ पब्लिक यूनिवर्सिटीज के चार छात्रों ने अपने डिपोर्टेशन के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। इन छात्रों में एक भारतीय भी शामिल है। इन छात्रों के इमिग्रेशन स्टेटस को खत्म कर दिया गया है, जिससे उन्हें डर है कि अब वे डिपोर्ट किए जा सकते हैं। भारत के चिन्मय देवरे उन छात्रों में से हैं जिन्होंने डिपार्टमेंट ऑफ होमलैंड सिक्योरिटी (DHS) और इमिग्रेशन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है।
छात्रों का कहना है कि स्टूडेंट एंड एक्सचेंज विजिटर इन्फॉर्मेशन सिस्टम (SEVIS) में उनका इमिग्रेशन स्टेटस गैरकानूनी तरीके से खत्म किया गया है। उन्हें इस संबंध में ना तो नोटिस मिला है और ना ही कोई जानकारी। SEVIS एक डेटाबेस है। यह अमेरिका में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों और एक्सचेंज विजिटर्स की जानकारी रखता है। आसान भाषा में कहें तो, SEVIS एक तरह का रजिस्टर है जिसमें अमेरिका आने वाले छात्रों का नाम और पता लिखा होता है।