वॉशिंगटन:
भारत के जम्मू और कश्मीर में मंगलवार को हुए भयावह आतंकी हमले में 28 लोगों की मौत से दुनिया हैरान है। आतंकियों ने मशहूर पर्यटन स्थल पहलगाम में परिवार के साथ घूम रहे पर्यटकों को निशाना बनाया, जिनका कश्मीर की राजनीति और वहां की घटनाओं से दूर-दूर तक कोई लेना-देना नहीं था। पर्यटकों पर हमले की दुनिया भर में निंदा हो रही है। इससे भी भयावह बात चश्मदीदों ने बताई जो यह थी कि लोगों से उनकी पहचान पूछकर उन्हें मारा गया। इस घटना ने भारत और पाकिस्तान के बीच के तनाव को फिर से जिंदा कर दिया है। यह इसलिए भी अहम है, क्योंकि हमला पाकिस्तानी आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर की कश्मीर को लेकर दी गई धमकी के कुछ ही दिन के भीतर हुआ है।
आतंकी हमले की टाइमिंग अहम
इस आतंकी हमले के बाद भारत की प्रतिक्रिया को लेकर चर्चाएं शुरू हो गई हैं। भारत के गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय सेना अध्यक्ष जम्मू कश्मीर में पहुंचे हुए हैं। अमेरिका की डेलावेयर यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर मुक्तदर खान ने इसे भयावह हमला बताया है। उन्होंने इस हमले की टाइमिंग को महत्वपूर्ण बताया और कहा कि यह ऐसे समय में हुआ है, जब अमेरिकी उपराष्ट्रपति जेडी वेंस भारत दौरे पर थे। इसी साल जब ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद पीएम मोदी ने वॉइट हाउस में मुलाकात की थी, तो दोनों ने आतंकवाद से मुकाबले को साझा लक्ष्य बताया था।
मुक्तदर खान ने पाकिस्तान आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर के हाल ही में दिए हिंदू-मुसलमान और टू नेशन थ्योरी के बयानों से साफ है कि पहलगाम में आतंकी से पाकिस्तान का सीधा कनेक्शन है। मुक्तदर खान ने कहा कि अब समय आ गया है कि पाकिस्तान की सरकार तत्काल अपने बॉर्डर खोले और भारतीय एजेंसियों को जांच में हर तरह से मदद करे। भारत जो भी मांगे, पाकिस्तान को उसे उपलब्ध कराना चाहिए।
भारत-पाकिस्तान के बीच हो सकता है युद्ध?
प्रोफेसर खान ने कहा, ‘अगर ऐसा नहीं होता है तो पहलगाम हमले को दुश्मन का सीधा वार समझना चाहिए। ये घरेलू आतंकवाद नहीं, इंटरनेशनल टेररिज्म है।’ अगर पाकिस्तान भारत को सहयोग नहीं करता है तो पूरी दुनिया को इस्लामाबाद को साइडलाइन करना शुरू कर देना चाहिए। मुक्तदर खान ने इस हमले को बहुत बड़ी घटना बताया और कहा कि भूराजनीतिक रूप से सारी दुनिया एक नाजुक मोड़ पर खड़ी हुई है। ऐसे में यह सारी चीजों को बिगाड़ सकता है। यह भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध शुरू करा सकता है।