इस्लामाबाद:
दक्षिण एशिया में दो परमाणु शक्ति संपन्न पड़ोसियों भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा ऐक्शन लेते हुए सिंधु नदी जल संधि पर रोक लगा दी है। भारत ने कहा है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद पर प्रभावी रूप से रोक नहीं लगाता है, वह जल संधि को जारी नहीं रखेगा। इस फैसले से पाकिस्तान की बर्बादी तय मानी जा रही है, क्योंकि संधि के तहत उसे भारत से पानी मिलता है। पाकिस्तान भारत के इस कदम का जवाब देने की योजना बना रहा है।
शिमला समझौते से हट सकता है पाकिस्तान
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के सिंधु जल समझौते पर रोक के बाद पाकिस्तान ऐतिहासिक शिमला समझौता 1972 से हटने की तैयारी कर रहा है। भारत और पाकिस्तान ने 2 जुलाई 1972 को शिमला समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता 1971 के भारत और पाकिस्तान युद्ध में पाकिस्तानी सेना की करारी हार के बाद हुआ था। इस समझौते ने दोनों देशों के बीच शांतिपूर्ण तरीके से विवादों के निपटारे की आधारशिला रखी। समझौते के सबसे महत्वपूर्ण सिद्धांतों में दोनों देशों द्वारा इस बात पर प्रतिबद्धता जताना था कि वे अपने विवादों को शांतिपूर्ण तरीके से, वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलओसी) को पार किए बिना निस्तारण करेंगे।
पाकिस्तान में तेज हुई चर्चा
पाकिस्तान के रणनीतिक हलकों शिमला समझौते से हटने की चर्चा तेज हो गई है। इसे लेकर शहबाज शरीफ के ऊपर दबाव बनाया जा रहा है। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘पाकिस्तान में नई बहस। अगर भारत सिंधु जल संधि को अलविदा कहने पर अड़ा है, जिसकी मध्यस्थता विश्व बैंक ने की थी, तो पाकिस्तान को भी शिमला समझौते से पीछे हटने का अधिकार है, जिसकी मध्यस्थता किसी अंतरराष्ट्रीय संस्था ने नहीं की थी।’
भारत ने सिंधु जल संधि पर लगाई रोक
इसके पहले बुधवार को भारत ने पाकिस्तान के साथ चल रही सिंधु नदी जल संधि को तत्काल स्थगित करने का फैसला लिया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विक्रम मिस्री ने बताया कि सिंधु जल संधि (1960) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। यह संधि तभी बहाल की जाएगी, जब पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन करना बंद कर देगा। इसके अलावा अटारी एकीकृत चेक पोस्ट को तत्काल प्रभाव से बंद किया जा रहा है, जो लोग वैध दस्तावेजों के साथ इस मार्ग से भारत आए हैं, वे 1 मई से पहले लौट सकते हैं।
इसके साथ ही, विदेश मंत्रालय ने कहा कि सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) के तहत पाकिस्तानी नागरिकों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। पाकिस्तानी नागरिकों को पहले जारी किए गए किसी भी एसवीईएस वीजा को रद्द माना जाएगा। एसवीईएस वीजा के तहत भारत में मौजूद सभी पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे के भीतर भारत छोड़ना होगा।