नई दिल्ली:
पहलगाम हमले के बाद भारत ने आतंकवादियों और पाकिस्तान को करारा जवाब देने का मन बना लिया है। भारत के पलटवार को लेकर पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। यह बैठक जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर हुई। इस हमले में 26 लोगों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे। राष्ट्रपति भवन ने बैठक की एक तस्वीर शेयर करते हुए ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘केंद्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की।’ शाम को पहलगाम हमले को लेकर सर्वदलीय बैठक भी होने वाली है।
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के मधुबनी में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया है। मैं बहुत स्पष्ट शब्दों में कहना चाहता हूं कि जिन्होंने यह हमला किया है, उन आतंकियों को और इस हमले की साजिश रचने वालों को उनकी कल्पना से भी बड़ी सजा मिलेगी।’ वहीं बुधवार को कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक में भी पाकिस्तान के खिलाफ सख्त फैसले लिए गए। सरकार ने पाकिस्तान और भारत के बीच सिंधु जल समझौता खत्म करने का फैसला लिया है। पाक नागरिकों के वीजा रद्द किए गए हैं। सरकार ने अटारी चेक पोस्ट को भी बंद कर दिया है।
ऐक्शन में भारत
पहलगाम में 26 पर्यटकों की हत्या के बाद भारत ने पंजाब में वाघा-अटारी सीमा पर चेक पोस्ट बंद करने और सार्क वीजा छूट योजना (एसवीईएस) को रद्द करने का फैसला किया है, जिससे पाकिस्तानी नागरिकों के लिए प्रवेश के रास्ते बंद हो गए हैं। वैध प्रमाण-पत्र के साथ अटारी सीमा से प्रवेश करने वाले पाकिस्तानी नागरिकों को वापस लौटने के लिए 1 मई तक का समय दिया गया है, जबकि एसवीईएस वीजा वाले लोगों को 48 घंटे से कम समय में वापस लौटना होगा।
द्विपक्षीय व्यापार पर असर
हालांकि, तनाव बढ़ने के बावजूद पंजाब के गुरदासपुर जिले में स्थित करतारपुर कॉरिडोर को पाकिस्तान स्थित करतारपुर साहिब गुरुद्वारा जाने वाले तीर्थयात्रियों के लिए खुला रखा गया है। दोनों देशों के बीच एकमात्र भूमि सीमा पार करने वाली वाघा-अटारी सीमा के बंद होने से न केवल लोगों की आवाजाही प्रभावित होगी, बल्कि द्विपक्षीय व्यापार भी प्रभावित होगा। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के एक दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक की अध्यक्षता की, जिसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल हुए।
हमले की कड़े शब्दों में निंदा
बैठक के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा, ‘प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। सीसीएस को पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारा गया था। कई अन्य लोग घायल हैं। सीसीएस ने हमले की कड़े शब्दों में निंदा की और पीड़ितों के परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की।’