Kachra Cafe Bhopal: भोपाल वासियों को जल्द ही अपने घरेलू कचरे को बेचने और उसके बदले में कुछ पाने का एक नया और अनोखा विकल्प मिलने वाला है. अब भोपाल के लोग अपने घरेलू कचरे (कचरा पॉलिथीन से लेकर इलेक्ट्रॉनिक वेस्ट तक) को एक ख़ास कैफ़े में बेच सकेंग जहाँ उन्हें बदले में चाय-कॉफ़ी से लेकर नूडल्स-बर्गर-पिज़्ज़ा जैसे स्नैक्स मिलेंगे.
भोपाल नगर निगम (BMC) की पहल पर शहर में जल्द ही ऐसे तीन कैफ़े शुरू किए जा रहे हैं जिन्हें कचरा कैफ़े नाम दिया गया है. आइए जानते हैं शहर में घरेलू कचरे के निस्तारण के लिए शुरू की जा रही इस पहल के बारे में विस्तार से.
कैसे काम करेगा कचरा कैफ़े
लोग अपने सूखे कचरे जैसे रद्दी कागज़ और गत्ते इलेक्ट्रॉनिक कचरे जैसे ख़राब बैटरियाँ और कंप्यूटर प्लास्टिक कचरे जैसे सॉफ़्ट और हार्ड प्लास्टिक की चीज़ें और घरेलू ख़तरनाक कचरे जैसे कांच की बोतलें और ख़राब बल्ब कचरा कैफ़े में ला सकते हैं. हर तरह के कचरे का वज़न किया जाएगा और उसके हिसाब से पॉइंट दिए जाएँगे. जितना ज़्यादा वज़न होगा, उतने ही ज़्यादा पॉइंट मिलेंगे. इन पॉइंट्स के बदले लोग खाने-पीने की चीज़ें ले सकेंगे. यह पहल कचरा प्रबंधन के साथ-साथ लोगों को जागरूक भी कर रही है.
लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया और महिलाओं के लिए मंच
शुरुआत में लोगों को यक़ीन नहीं हो रहा था कि कचरे से ऐसा कुछ किया जा सकता है. लेकिन जब लोगों को यह महसूस हुआ कि यह हमारे शहर के कचरे को कम करने का एक सराहनीय प्रयास है तो वे भी बड़े उत्साह के साथ इस अभियान में भाग लेने लगे. जो भी कचरा उन्हें मिलता है वे उसे इकट्ठा कर इस कचरा कैफ़े में ले जाते हैं.
कचरा कैफ़े सिर्फ़ रीसाइक्लिंग का केंद्र नहीं, बल्कि सशक्तिकरण का भी केंद्र है. यहाँ न सिर्फ़ कचरे का कायाकल्प होता है बल्कि ज़िंदगियों का भी. कैफ़े ने आकांक्षा समूह नामक एक महिला समूह के साथ साझेदारी की है. शहर की मेहनती महिलाओं और बुज़ुर्गों द्वारा हाथ से बने उत्पाद जैसे नारियल के रेशे से बने उत्पाद मिट्टी के उत्पाद, मोमबत्तियाँ, मूर्तियाँ भी कचरे के बदले लिए जा सकते हैं. अगर कोई पुराने कपड़े लाता है तो उन कपड़ों से बैग बनाए जाते हैं ताकि कपड़ों का भी दोबारा इस्तेमाल हो सके. ऐसी व्यवस्था महिलाओं को सामाजिक रूप से आत्मनिर्भर बना रही है.
ज़रूरतमंदों के लिए सहारा बन रहा कचरा कैफ़े
कचरा कैफ़े उन लोगों के लिए सहारा बन रहा है जो दो वक़्त की रोटी के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं. कई लोग सुबह से ही पीठ पर बोरा लेकर कचरे की तलाश में निकल पड़ते हैं. ऐसे लोगों को कचरा कैफ़े में कचरे के बदले अच्छा भोजन और ज़रूरी सामान मिल रहा है. कचरा कैफ़े की संचालिका अंचिता सभालोग का कहना है कि अगर कोई ज़रूरतमंद व्यक्ति 5 कांच की बोतलें या प्लास्टिक भी लाता है, तो भी हम उसे भोजन देते हैं. यह पहल मानवता का एक बेहतरीन उदाहरण पेश कर रही है जहाँ कचरा सिर्फ़ कचरा नहीं बल्कि उम्मीद बन रहा है.
यह भी पढ़िए: cardiac arrest Risk Factors: क्या है कार्डियक अरेस्ट? एक ख़तरनाक और गंभीर स्थिति
डिस्क्लेमर: यह जानकारी भोपाल नगर निगम की पहल और स्थानीय मीडिया रिपोर्टों पर आधारित है. कचरा कैफ़े की संख्या, स्थान, और कचरे के बदले मिलने वाली वस्तुओं में परिवर्तन संभव है. नवीनतम जानकारी के लिए भोपाल नगर निगम या संबंधित कैफ़े से संपर्क करें.