भेल की गपशप — केसी दुबे
यूं तो बीएचईएल की कुछ यूनिटों और साईडो पर अफसरों द्वारा अपने चहेतों को फायदा पहुंचाने के नाम पर करोड़ों के गोलमाल की खबरें आम हो गई हैं । ऐसा लग रहा हैं कि कुछ अफसरों ने अपनों को फायदा पहुंचाने के लिये कंपनी को नुकसान पहुंचाने की ठान ली है । इसी को लेकर बीएचईएल भोपाल यूनिट में भी फेब्रिकेशन विभाग अजीब सा खेल खेल रहे हैं । इस विभाग में यह चर्चा आम हो गई है कि एक एजीएम स्तर के अधिकारी की छत्र छाया में करप्शन पनप रहा है। यदि भेल के मुखिया ने जल्द ही ध्यान नहीं दिया तो कंपनी को काफी नुकसान उठान पड़ सकता है ।
मामला शटर फ्रेम डीएमसी डब्ल्यू टैंक स्पाईडर डिपारटमेंट कोड 327—321 का है । इसका काम दो बड़ी कंपनियोें को फायदा पहुंचाने के लिये दिया गया है । काम इस तरह किया जा रहा है कि जिस जॉब कि सालों से काम के हिसाब से प्लानिंग विभाग ड्राइंग तय कर मटेरियल से लेकर जॉब के घंटे निश्चित करते हुए कर्मचारियों को डॉकेट दे कर काम को पूरा करने के लिए पूरी अधिकारियों कि फौज तो तैयार है । कर्मचारियों की कमी होने के कारण ऑडर मिले जॉब को समय पर पूरा करने के लिए आउट सोर्स एवं ठेके पर दिए जाने वाले जॉब को निश्चित समय के हिसाब से पेमेंट करने का टेंडर दिया जाता रहा है लेकिन विभाग के अफसर नई परंपरा शुरू करते हुये ।
तय समय से डबल समय का पेमेंट ठेकेदार को दी जाना किसी के गले नहीं उतर रहा है चर्चा यह भी है कि एक एजीएम साहब अपनी मन मर्जी चलाते हुए ही काम के शुद्ध लाभ के अलावा कुछ भी समझ में नहीं आ रहा है । यहां तक कि जॉब कि क्वालिटी से भी उनको लेना देना नहीं है इसके चलते यहां बनने वाले जॉब का कॉस्ट कई गुणा बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता ।
हां यह जरूर है कि शाप फ्लोर में नीचे की टीम को दबा कर रखने एवं धमकी देने के अलावा कुछ नहीं दिखाई नहीं दे रहा है साहब को । कारखाने में यह भी चर्चा है कि ट्रेक्शन मोटर विभाग में कुछ चहेती कंपनियों को फायदा पहुंचाने और मोटर फेल होने के मामले की उच्च स्तरीय जांच शिकायत होने के बाद भी जब शीर्ष प्रबंधन ने कोई कार्यवाही नहीं की तो कारखाने में इस बात की चर्चा भी होने लगी है कि फेब्रिकेशन ब्लॉक की उच्च स्तरीय जांच होगी की नहीं ।

