— सदस्य पूछेंगे सवाल अध्यक्ष देंगे जवाब
— संस्था के पास 22.65 करोड़ एफडी की देनदारी कुल जमा पूंजी 11.42 करोड़
— सेंट्रल रजिस्ट्रार को देना हैं 15 करोड़ 58 लाख रिजर्व फंड
— बैंलेंसशीट में भी बताया दुकान के एकाउंट का हिसाब
— संस्था का एक ही सीए कर रहा हैं, जबकि हर तीन साल में बदलना होता है
— किन किन बैंकों में एफडी उसका हवाला भी बैंलेंसशीट में नहीं
भेल, भोपाल।
बीएचईई बीएचईई थ्रिफट सोसायटी लि बचत बाजार पिपलानी की आम सभा रविवार को संस्था कार्यालय आयोजित की गई है। सभा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए व्यापक स्तर पर इंतजाम किए गए है। आम सभा में बडी संख्या में भेल कर्मचारी सदस्य मौजूद रहेंगे। यही नहीं आमसभा में 2025— 26 की कार्ययोजना के संबंध में, 2024—25 का शुद्ध लाभ के वितरण का अनुमोदन, कंज्यूम बजट का अनुमोदन वर्ष 26—27 के बजट का अनुमोदन, विभिन्न खंडों में किए गए व्यय का अनुमोदन और संचालक मंडल के सदस्योंं पर बकाया कर्ज एवं अग्रिमों को विवरण भी बताया जाएगा।
बाकी अन्य विषय अध्यक्ष की अनुमति से जारी होंगे। फिलहाल संस्था के संचालक मंडल से करीब 4500 सदस्य आम सभा में कई सवाल लेकर हाजिर होंगे। इनमें प्रमुखता से संस्था की एफडी को लेकर कई सवाल खड़े हो गए है। सदस्यों ने पूरा भरोसा जतात हुए संस्था में 22.65 करोड़ एफडी कर डाली। लेकिन आज बैलेंसशीट के मुताबिक संस्था के पास 11.42 करोड़ शेष् है। ऐसे में संंस्था के सदस्य अपनी एफडी निकालने पहुंचे तो क्या उन्हें देने के लिए संस्था के पास 22.65 करोड़ की एफडी है।
जिस बैंक में एफडी जमा हैं वह भी बैलेंसशीट में नहीं दिखाई गई हैं जो सदस्यों के लिए बड़ा सवाल खड़ा कर रही हैं यही नहीं रिजर्व फंड 15 करोड़ 58 लाख रूप्ए का यह फंड संस्था को अपने पास रखना जरूरी है। सेंट्रल रजिस्ट्रार का देनदारी बताई जा रही हैं यह देनदारी किस बात की हैं इसका उल्लेख भी नहीं किया गया हैै। इसको लेकर भी सदस्य सवाल उठाने से नहीं चूकेंगे। ये मुदृदे दमदारी से आमसभा में उठाए जाएंगे यह भी बताया जा रहा है कि दुकान का एकाउंट नहीं बताया गया है कि इसका आय—व्यय क्या हैं इससे लोग भ्रमित हैं रही बात सीए की नियुक्ति तो विगत 10 साल से एक ही सीए काम कर रह हैं जबकि हर तीन साल में नए नियुक्ति होती है।
जानकारों की मानें तो अध्यक्षीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया है वर्ष 2023 – 24 की नकल 2024- 25 में प्रस्तुत की गई है क्या अध्यक्ष द्वारा अध्यक्षीय प्रतिवेदन की नकल की गई है या बायलॉज में चेंज कराकर लाइफ टाइम का अध्यक्ष बनने का सपना संजो रहा है संस्था का तुलनात्मक विवरण वर्ष 2025 में बैंकों में स्थाई जमा 11.58 करोड़ दिखाई है जबकि बैलेंस शीट में 11.42 करोड़ ही है(देखे बुकलेट के पेज न. 13 एवं 25 पर) दोनों में क्या सही है और किन बैंकों में जमा है ये भी सदस्यों से छिपाया गया है संस्था में सदस्यों की स्थाई अमानत(एफ डी) 22.65 करोड़ है जबकि संस्था के पास बैंकों में कुल धनराशि 11.42 करोड़ ही है भगवान न करे संस्था अध्यक्ष एवं संचालक जिस तरह से सदस्यों का विश्वास खो चुके है इन हालातों में सदस्यों ने मेहनत की गाढ़ी कमाई से एफ डी संस्था में जमा की है उनका भुगतान कैसे होगा जबकि रिजर्व फंड 15 करोड़ 58 लाख सेंट्रल रजिस्ट्रार मल्टी स्टेट को ऑपरेटिव सोसायटी दिल्ली की देनदारी है।
इस तरह संस्था के पास नगद धन की भारी कमी है जो ज्ञान की कमी को दर्शाता है। प्रतिवेदन में अंकित है कि संस्था में एनपीए बहुत ही कम है बैलेंसशीट ये नहीं बताया कि कितना कम है और क्यों कम है जबकि ऋण वापसी सदस्यों के वेतन से बीएचईएल प्रबंधन के द्वारा प्रतिमाह की जाती है एन पी ए तब ही हो सकता है जब संस्था द्वारा अपात्र सदस्यों को ऋण वितरित किया जाएगा यदि एनपीए है तो इसके लिए जिम्मेदार कौन यह बड़ा सवाल है। संस्था द्वारा वर्ष 1960 से वर्ष 2023 -24 तक शॉप ट्रेडिंग अकाउंट (दुकानों का आय व्यय) बैलेंस शीट में अलग से दिखाया जाता है जो इस वर्ष नहीं दिखाया गया है जबकि संस्था द्वारा प्रतिवर्ष रुपए 14 से 15 करोड़ का व्यवसाय किया जाता है इस बार मिलीभगत से काफी घुमावदार आंकड़े प्रस्तुत किए गए है।
सदस्यों से ये छिपाया गया है कि वर्ष भर में क्या और कितनी खरीद हुई क्या विक्रय हुआ और 15 करोड़ लगाने के बाद दुकानों से क्या लाभ हुआ जबकि शॉप किराया , बिजली ,पानी और सैलरी इस 15 करोड़ के अतिरिक्त है। जिन संचालकों के सहयोग एवं अथक प्रयासों से बसंत कुमार अध्यक्ष पद पर आसीन हुए उन संचालको ने संचालक मंडल की बैठक में बहुत से अच्छे प्रस्ताव सदस्य हित में पारित करवाए जिनमें कुछ तो प्रस्ताव ये संचालक लागू करवाने में सफल रहे लेकिन फिर भी बहुत से प्रस्ताव जैसे रेट ऑफ इंट्रेस्ट कम करके 8.50% पर लाने ,पर्चेज पॉलिसी बनाने, पर्चेज कमेटी बनाने,सर्विस रुल बनाने, पॉकेट मनी को 50 हजार रुपए करने, इमरजेंसी लोन को एक लाख रुपए करने, एफडी व आरडी के रेट को यथावत रखने, डिविडेंड को बढ़ाकर 18% करने, वैक्यूम क्लीनर के तरह ही सम्मानजनक गिफ्ट देने,लोन की लिमिट बढ़ाकर 20 लाख करने के प्रस्ताव पर क्यों सहमति नहीं बन पाई।
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इनका कहना है
संस्था सुचारू रूप से संचालित हैं आरोप निराधार हैं। आगे भी संस्था सुचारू रूप से चलती रहेगी।
बसंत कुमार अध्यक्ष
बीएचईई बीएचईई थ्रिफट सोसायटी लि
