मुंबई
क्या महाराष्ट्र में सचमुच में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बीच तनाव की स्थिति है। दोनों के बीच कोल्ड वॉर यानी शीत युद्ध चल रहा है। महाराष्ट्र में पिछले काफी समय इसकी अटकलें लग रही हैं। बजट सत्र से पहले जब अजित पवार औ शिंदे के साथ फडणवीस मीडिया से मुखातिब हुए थे तो उन्होंने कहा था कि कोई युद्ध नहीं है। जो लोग हम दोनों को जानते हैं, वे जानते होंगे कि जब हम साथ होते हैं तो हम क्या करते हैं। फडणवीस ने तब सलीम-जावेद का जिक्र किया था और पूछा था क्या संजय राउत मुकाबला करेंगे? इस मौके शिंदे ने भी कहा था ऐसा कुछ नहीं है लेकिन बजट सत्र के बीच में फिर ऐसा कुछ हुआ है, जिसके बाद चर्चा शुरू हो गई है, महायुति में सब ठीक नहीं है। बुधवार इस मामले के अलावा मुख्यमंत्री फडणवीस और शिंदे एक और मौके पर साथ-साथ नहीं दिखे। सीएम फडणवीस ने अजित पवार के साथ संभाजी महाराज पर बनी ‘छावा’ मूवी देखी, लेकिन एकनाथ शिंदे की साथ वाली तस्वीर सामने नहीं आई।
वैदेही रानाडे की नियुक्ति का आदेश
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा था कि मैंने शिंदे के किसी भी निर्णय पर रोक नहीं लगाई है। ताजा घटनाक्रम में सामने आया है कि एकनाथ शिंदे जब मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने सेवानिवृत्त हो चुके कैलाश जाधव को एमएसआरडीसी का संयुक्त निदेशक नियुक्त किया था। हालांकि अब सामान्य प्रशासन विभाग ने कैलाश जाधव को तत्काल सेवा से मुक्त करने के आदेश जारी कर दिए हैं। सेवानिवृत्त जाधव के स्थान पर वैदेही रानाडे को कार्यभार सौंपने के आदेश दिए गए हैं। एकनाथ शिंदे द्वारा कैलाश जाधव को उनकी सेवानिवृत्ति के बाद एक वर्ष के अनुबंध के आधार पर एमएसआरडीसी का संयुक्त निदेशक नियुक्त किया गया। कैलाश जाधव का विस्तारित कार्यकाल 2026 तक था।
फिर शुरू हो गई अटकलें?
यह तब हुआ है जब पहले से राजनीतिक हलकों में कोल्ड वॉर की अटकलें लग रही है। शिवसेना यूबीटी सांसद संजय राउत तो यहां तक दावा कर चुके हैं कि शिंदे ने अमित शाह से फडणवीस की शिकायत की थी। हालांकि शिंदे और शिवसेना की तरफ से इसका खंडन किया जा चुका है। सामान्य प्रशासन विभाग ने जाधव की अनुबंध सेवा समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है, जबकि एमएसआरडीसी खाता वर्तमान में एकनाथ शिंदे के पास है। ऐसा माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने इसमें हस्तक्षेप करके यह फैसला लिया है। एमएसआरडीसी के बड़े इंफ्रा प्रोजेक्ट हैं। हालांकि सीएम फडणवीस यह साफ कर चुके हैं कि वह नियुक्तियों पर वही आखिरी फैसला लेंगे।