सागर
मध्य प्रदेश में सागर जिले में सरपंच चुनाव के दौरान एक अनूठा मामला सामने आया है। यहां एक पंचायत में चुनाव किसी जिंदा प्रत्याशी ने नहीं ब्लकि एक ‘मृत’ व्यक्ति ने जीता है। सरपंच चुनाव के इन नतीजों की घोषणा को लेकर अब अफसर असमंजस में हैं। दरअसल, एक ‘मृत’ व्यक्ति के सरपंच का चुनाव जीतने के बाद निर्वाचन विभाग और जिला प्रशासन के अधिकारी असमंजस में हैं। यह पूरा मामला है देवरी तहसील के कजेरा गांव का है। यहां सरपंच पद के एक उम्मीदवार रवींद्र ठाकुर की 22 जून को हृदय गति रुकने से मौत हो गई थी। लेकिन 8 दिन बाद हुए मतदान तक चुनाव तक ठाकुर का नाम प्रत्याशियों की लिस्ट से नहीं हटा। मतदान भी हो गया। और अब नतीजे भी सामने हैं। सबसे ज्यादा वोट ठाकुर को ही मिले हैं और इस तरह से ‘मृत’ प्रत्याशी रवींद्र ठाकुर सरपंच चुनाव जीत गए हैं।
1 जुलाई को हुआ सरपंच चुनाव का मतदान
कजेरा गांव में पंचायत चुनाव के लिए मतदान 1 जुलाई को हुआ। प्रत्याशी रवींद्र की मौत को तब 8 दिन हो चुके थे। लेकिन इसकी सूचना उनके परिजनों ने चुनाव विभाग को नहीं दी। इसके चलते ठाकुर का नाम एक जुलाई को मतदान के लिए मतपत्र में बना रहा। ऐसे में मतदान हुआ तो वोट भी पड़े।
72 घंटे पहले सूचना नहीं दी, नहीं छपवाए नए मतपत्र
सागर के जिलाधिकारी और जिला चुनाव अधिकारी दीपक आर्य का इस मामले में बयान सामने आया है। उनका कहना है कि चुनाव से 72 घंटे पहले किसी उम्मीदवार की मौत की सूचना दी जाती है तो नए मतपत्र छपवाए जाते। लेकिन ऐसी कोई सूचना नहीं मिली। और पुराने प्रत्याशियों की सूची वाले मतपत्र प्रकाशित करवाए गए। उन्हीं पर मतदान हुआ।
14 जुलाई को अधिकारिक घोषणा, असमंज में अफसर
जिलाधिकारी का कहना है कि चुनाव के नतीजे ठाकुर के पक्ष में आए हैं। लेकिन उनका देहांत हो चुका है। ऐसे में राज्य चुनाव आयोग से इस संबंध में राय मांगी गई है। 14 जुलाई को चुनाव के आधिकारिक घोषणा से पहले इस मुद्दे को सुलझा लिया जाएगा।
सबसे ज्यादा 512 वोट मिले
मतगणना वोटिंग के दिन यानी 1 जुलाई को ही हुई थी। स्थानीय चुनाव अधिकारियों के अनुसार चुनाव में 1,296 मतदाताओं में 1,043 लोगों ने वोट दिया। मतगणना में ठाकुर को सबसे ज्यादा 512 वोट मिले। जबकि निकट प्रतिद्वंद्वी चंद्रभान अहिरवार को 257 और विनोद सिंह 153 वोट मिले। इस परिणाम के हिसाब से मृत ठाकुर 255 वोटों की अंतर से विजेता रहा।