क्‍या भारतीय फ्लाइट की लैंडिंग को मना कर सकता था पाकिस्‍तान? जानिए अंतरराष्‍ट्रीय कानून

कराची

मंगलवार को पाकिस्‍तान के कराची में एक भारतीय विमान की इमरजेंसी लैंडिंग कराई गई। एक टेक्निकल फॉल्‍ट के चलते इस प्‍लेन को कराची में लैंड कराया गया। ये फ्लाइट थी स्‍पाइसजेट की SG-011 जिसने दिल्‍ली से टेकऑफ किया था और जिसे दुबई जाना था। नए एयरक्राफ्ट के आने तक फ्लाइट के यात्रियों ने कराची में इंतजार किया और फिर दुबई के लिए रवाना किया गया। एयरलाइन की तरफ से बताया गया कि इंडिकेटर में खराबी की वजह से प्‍लेन को कराची में लैंड कराया गया। आधिकारिक बयान की मानें तो फ्लाइट में खराबी के बारे में किसी को भी पहले से नहीं मालूम था और कोई इमरजेंसी डिक्‍लेयर नहीं की गई थी। लेकिन क्‍या पाकिस्‍तान इस प्‍लेन को लैंडिंग से मना कर सकता था? तो इसका जवाब है नहीं।

क्‍या हैं अंतरराष्‍ट्रीय कानून
सन् 1944 में शिकागो संधि की शुरुआत हुई जिसमें 6 तरह के फ्रीडम ऑफ एयर का जिक्र किया गया। इन नियमों को किसी देश का मौलिक अधिकार माना गया। इनमें जो अधिकार किसी देश को दिए गए थे, उनके तहत-

किसी एयरलाइन को एक देश से दूसरे देश पर से उड़ते हुए तीसरे देश में लैंडिंग का अधिकार मिला।
रि-फ्यूलिंग या फिर मेंनटेनेंस के लिए किसी विदेशी धरती पर विमान को लैंड कराया जा सकता है। इसके लिए यात्रियों को या फिर कार्गो को उतारने की जरूरत नहीं है।
तीसरे और चौथे अधिकार के तहत एयरलाइन की होम कंट्री से दूसरे देश में उड़ान भरना और किसी विदेशी सरजमीं से अपने देश की तरफ उड़ान भरना शामिल है।
दो अधिकार बाद में मिले जिसमें उस एयरलाइन को ऐसे दो देशों के बीच ऑपरेशन की मंजूरी मिली जो उनसे संबंद्ध नहीं है। इसके अलावा अपने घर में उस एयरलाइन को स्‍टॉप का अधिकार मिला।

क्‍या है ICAO
शिकागो संधि के बाद 4 अप्रैल 1947 को इंटरनेशनल सिविल ऑर्गनाइजेशन (ICAO) की शुरुआत हुई। पाकिस्‍तान नवंबर 1974 में इसका मेंबर बना। इस काउंसिल का एक अहम नियम है कि आप किसी भी स्थिति में किसी दूसरे देश की फ्लाइट को लैंडिंग से मना नहीं कर सकते हैं।

अगर कोई इमरजेंसी है तो फिर लैंडिंग करने वाले देश के एटीसी का जिम्‍मा होता है कि वो प्‍लेन को सुरक्षित रास्‍ता मुहैया कराए। पाकिस्‍तान ने इसी एक नियम की बाध्‍यता के चलते भारत की फ्लाइट को इमरजेंसी लैंडिंग की इजाजत दी थी।

कब-कब हुई पाक में लैंडिंग
2 मार्च 2021 को इंडिगो की एक फ्लाइट ने कराची के जिन्‍ना टर्मिनल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर लैंडिंग की थी। ये फ्लाइट शारजहां से लखनऊ जा रही थी। फ्लाइट में एक यात्री की तबियत खराब होने पर कराची के एयर ट्रैफिक कंट्रोल (एटीसी) की तरफ से लैंडिंग की मंजूरी दी गई थी। प्‍लेन को मानवीय आधार पर लैंडिंग की इजाजत मिली थी। हालांकि जिस पैसेंजर की तबियत खराब थी, उसकी मौत हो गई थी।

नवंबर 2016 में जब भारत और पाकिस्‍तान के बीच उरी आतंकी हमले और सर्जिकल स्‍ट्राइक के बाद तनाव चरम पर था, उस समय भी एक फ्लाइट की कराची में लैंडिंग कराई गई थी। वो जेट एयरवेज का विमान था और एक यात्री ने गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍या क्रू को बताई। इसके बाद इस फ्लाइट के पायलट को यह तय करना था कि वो या तो नई दिल्‍ली वापस लौटे या फिर करीब के रनवे पर लैंड कराए।

पायलट ने स्‍टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसिजर के तहत करीब के रनवे पर लैंड कराने का फैसला लिया। उसने फ्लाइट को कराची की तरफ मोड़ा और वहां पर लैंडिंग कराई। कराची के एटीसी ने इंटरनेशनल नियमों का पालन किया और पूरी मदद मुहैया कराई। साथ ही उसने दिल्‍ली एटीसी को भी इसकी जानकारी दी।

इनकार नहीं कर सकता पाक
पाक ने पिछले साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विमान को भारत के विशेष आग्रह पर उसके एयरस्‍पेस से जाने की मंजूरी दी थी। ऐसे में इस तरह की लैंडिग का सुर्खियों में आना सामान्‍य सी बात है। हालांकि पाकिस्‍तान चाहकर भी मुश्किल हालात में भारत के विमान को लैंडिंग की मंजूरी देने से इनकार नहीं कर सकता है।

हालांकि पाक ने नवंबर 2021 को गोफर्स्‍ट की एक फ्लाइट को रास्‍ता देने से इनकार कर दिया था। पाक पर पहली बार उस समय फ्रीडम ऑफ एयर का उल्‍लंघन करने का आरोप लगा था। ये बात जानकर आपको हैरानी होगी कि वेस्‍ट एशिया की तरफ जाने वाली भारतीय फ्लाइट्स जो दिल्‍ली और लखनऊ से टेकऑफ करती हैं, उनसे पाक को कोई प्रॉब्‍लम नहीं है।

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