इस साल कांवड़िए तो आएंगे लेकिन दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर रहेगी रोक, जानिए क्‍यों

मेरठ

कोरोना संक्रमण के कारण दो साल बाद निकलने वाली सावन माह की कांवड़ यात्रा के लिए वेस्ट यूपी में ट्रैफिक पुलिस का प्लान तैयार है। 2020 और 2021 में कांवड़ यात्रा नहीं निकाली गई थी। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे बनने के बाद यह पहली कांवड़ यात्रा है। दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर पैदल, साइकिल, दो पहिया वाहन, ऑटो, टेंपो और बैल गाड़ी का संचालन प्रतिबंधित हैं। इसलिए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे पर यातायात सुगम रखने के लिए कांवड़ियों या उनके किसी भी वाहन के आवागमन पर रोक रहेगी।

दिल्ली की तरफ जाने वाले कांवड़ियों के पहले की तरह नेशनल हाइवे 58 से मेरठ से मोदीनगर, मुरादनगर और गाजियाबाद के रास्ते जाने की सुविधा बरकरार रहेगी। दिल्ली देहरादून हाईवे पर हरिद्वार से कांवड़ यात्रा शुरू होकर, मुजफ्फरनगर, मेरठ के रास्ते दिल्ली, हरियाणा राजस्थान जाते हैं। मेरठ से बुलंदशहर के रास्ते, अलीगढ़, आगरा, मथुरा, राजस्थान और मध्य प्रदेश तक जाते हैं।

रैपिड रेल प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य भी चल रहा है
दिल्ली की सीमा से गाजियाबाद और मेरठ के मोदीपुरम तक 78 किलोमीटर की सीमा में रैपिड रेल प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है। यहां सड़क का अधिकांश भाग बाधित है। इसके बाद भी रैपिड रेल का कम करने वाली एजेंसी का कहना है कि कांवड़ियों की सुविधा के मद्देनजर काम किया जाएगा। प्लान के मुताबिक काम भी चलता रहे और यात्रा भी ऐसी व्यवस्था रहेगी।

डाक कांवड़ नेशनल हाईवे 58 से
डाक कांवड़ नेशनल हाईवे 58 से ही जा सकेगी। दअरसल, 14 जुलाई से शुरू होकर कांवड़ यात्रा 26 जुलाई तक चलेगी। मेरठ के पुलिस अधीक्षक यातायात जितेंद्र श्रीवास्तव का कहना है कि कांवड़ यात्रा के मद्देनजर 14 जुलाई से नेशनल हाईवे 58 पर भारी वाहनों का डायवर्जन प्रस्तावित है। हालांकि कांवड़ियों की तादाद के मुताबिक इस प्लान में तारीख में बदलाव भी संभव हैं।18 जुलाई से भी डायवर्जन किया जा सकता है। भारी वाहनों को वैकल्पिक मार्गों से निकाला जाएगा। कांवड़ियों की संख्या बढ़ने पर हाईवे को बंद कर दिया जाएगा।

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