जनरल बाजवा के एक निर्देश पर आईएसआई ने दिया राजनीति में दखल न करने का सख्‍त आदेश

कराची

पाकिस्‍तान आर्मी के चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा के आदेश पर, इंटेलीजेंस एजेंसी आईएसआई की तरफ से कमांडर्स को राजनेताओं और राजनीतिक रैलियों से दूर रहने के सख्‍त आदेश दिए गए हैं। पाक सेना और राजनीति को एक ही सिक्‍के के दो पहलू माना जाता है। ऐसे में ये आदेश वाकई चौंकाने वाला है। पाकिस्‍तान अखबार ने करीबी सूत्रों के के हवाले से बताया है कि इस आदेश का पालन न करने वाले के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत कार्रवाई की जाएगी। हर रैंक के कमांडर्स को इन आदेशों का पालन करना होगा और इनका उल्‍लंघन उन्‍हें भारी पड़ सकता है। कहा जा रहा है कि इस आदेश को न मानने वाले को एजेंसी से निकाल दिया जाएगा।

इमरान खान ने उठाए सवाल
ये आदेश दरअसल इंग्लिश डेली में छपी एक रिपोर्ट के बाद आया है। एक स्‍थानीय अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट में कहा गया था कि आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने टॉप कमांडर्स और मुख्‍य अधिकारियों जो आईएसआई से जुड़े हैं, उन्‍हें राजनीति से दूर रहने को कहा है। माना जा रहा है कि देश में मिलिट्री के खिलाफ चल रहे अभियान की वजह से लगे कलंक को मिटाने के लिए ये फैसला लिया गया है।

अप्रैल में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्‍तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की सरकार गिर गई थी। इसके बाद से ही सेना और सुरक्षा एजेंसियों पर उनकी सरकार को अस्थिर करने के आरोप लगाए जा रहे हैं। अविश्‍वास प्रस्‍ताव के बाद इमरान की सरकार सत्‍ता से बेदखल हो गई थी। इमरान ने दावा किया था कि उनकी सरकार के खिलाफ साजिश की गई है और इसे अमेरिका का समर्थन मिला है।

मिलिट्री पर आरोप
इमरान और उनकी पार्टी ने मिलिट्री पर आरोप लगाया था। वो लगातार मिलिट्री के खिलाफ अभियान छेड़े हुए हैं। सोशल मीडिया पर इमरान काफी आक्रामक हैं और सीधे तौर पर सेना के सीनियर अधिकारियों पर उंगली उठा रहे हैं। पीटीआई ने अब एक धारणा को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है।इसके तहत बताया जा रहा है कि कैसे सुरक्षा एजेंसियां राजनीतिक गतिविधियों में शामिल हैं ताकि आने वाले चुनावों को प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन और गठबंधन पार्टियों के पक्ष में किया जा सके।

सेना कर रही साजिश!
पीटीआई की सीनियर लीडर यास्मिन राशिद ने आरोप लगाया है कि आईएसआई के सेक्‍टर कमांडर पार्टी के खिलाफ राजनीतिक चाल चल रहे हैं। हालांकि उन्‍होंने कोई भी सुबूत नहीं दिया है। यास्मिन, इमरान की सरकार में स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री थीं। वहीं, पीटीआई के चेयरमैन और उप मुखिया की तरफ से भी ऐसी ही बातें कही गई हैं।पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की तरफ से कहा गया है कि उन्‍हें साजिश के चलते पंजाब एसेंबली इलेक्‍शन में हार का सामना करना पड़ा है। अगर वो पंजाब के मुख्‍यमंत्री होते तो इस तरह का कोई मसला नहीं होता। पंजाब में होने वाले उपचुनाव बहुत ही अहम हैं क्‍योंकि ये चुनाव ही पीटीआई का भविष्‍य तय करने वाले हैं।

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