संविधान पर विवादित बयान देने वाले केरल के मंत्री चेरियन का इस्तीफा, जानें कहा क्या था?

तिरुवनंतपुरम

संविधान पर विवादित बयान देने वाले केरल के मंत्री साजी चेरियन ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। चेरियन ने कहा कि यह मेरा निजी फैसला है। मैंने कभी संविधान का अपमान नहीं किया। चेरियन ने ये भी आरोप लगाया कि उनके भाषण को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। सीपीआईएम (CPIM) और एलडीएफ को कमजोर करने की ये साजिश है। बताते चलें कि चेरियन ने एक संबोधन में कथित रूप से कहा कि हम सभी कहते हैं कि हमारे पास एक बेहतरीन तरीके से लिखा संविधान है। लेकिन मैं कहूंगा कि संविधान इस तरह से लिखा गया है कि इसका इस्तेमाल देश के लोगों को लूटने के लिए किया जा सके।

सफाई में बोले- कभी संविधान का नहीं किया अपमान
इस्तीफे के बाद प्रतिक्रिया देते हुए साजी चेरियन ने अपनी सफाई में कहा, ‘मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है और यह मेरा निजी फैसला है। मैंने कभी भी देश के संविधान का अपमान नहीं किया। मेरे भाषण के एक हिस्से को लिया गया और मीडिया ने सीपीआईएम और एलडीएफ को कमजोर करने के लिए तोड़-मरोड़कर सबके सामने पेश किया।’

इस बयान पर विवाद
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, चेरियन ने कार्यक्रम में कहा क‍ि मानवता की शुरुआत से ही शोषण मौजूद है। मौजूदा समय में अमीर लोग दुनिया पर जीत हासिल कर रहे हैं। यह बिल्कुल स्वाभाविक है कि सरकारी तंत्र इस प्रक्रिया के पक्ष में होगा। सब कहेंगे कि हमारे पास बेहतरीन तरीके से लिखा हुआ संविधान है लेकिन मैं कहूंगा कि देश का संविधान इस तरह से लिखा गया है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को लूटा जा सके। राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी. डी. सतीशन सहित कई लोगों ने चेरियन के इस बयान की आलोचना की थी।

कौन हैं चेरियन
अलाप्पुझा जिले के चेंगन्नूर विधानसभा क्षेत्र से दो बार के विधायक हैं। चेरियन केरल की पी विजयन सरकार में संस्कृति और मछली पालन विभाग के मंत्री थे। उन्होंने दक्षिणी जिले के मल्लापल्ली में हाल ही में आयोजित एक राजनीतिक कार्यक्रम में यह बयान दिया। मंगलवार को क्षेत्रीय टेलीविजन चैनलों के इस भाषण को प्रसारित करने के बाद यह मुद्दा गरमा गया।

विपक्ष ने की थी बर्खास्तगी की मांग
कांग्रेस ने मंत्री साजी चेरियन को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की थी। पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट किया क‍ि हम केरल सरकार के मंत्री साजी चेरियन द्वारा भारत के संविधान पर हमला किए जाने की निंदा करते हैं और इसे खारिज करते हैं। उन्होंने न सिर्फ उस संविधान का अपमान किया है, जिसकी उन्होंने शपथ ली है, बल्कि बाबा साहेब आंबेडकर और भारत के विचारों को भी उन्होंने अपमानित किया है। उन्हें तत्काल पद से हटाया जाना चाहिए।

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