भारत ही नहीं, पाकिस्तान में भी मानसून ने बरपाया कहर, अब तक 77 की मौत, राष्ट्रीय आपदा घोषित

इस्लामाबाद

भारत के बाद अब पाकिस्तान में भी मानसूनी बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है। पाकिस्तान सरकार की जलवायु परिवर्तन मंत्री शेरी रहमान ने बुधवार को खुलासा किया कि देश भर में मानसून की बारिश ने अब तक 77 लोगों की जान ले ली है। बारिश के कारण सबसे ज्यादा तबाही बलूचिस्तान प्रांत में मची है। इस प्रांत में अकेले 39 लोगों की मौत हो चुकी है। शेरी रहमान ने बताया कि इस आंकड़े में बच्चे, पुरुष और महिलाएं शामिल हैं। हम राष्ट्रीय और प्रांतीय आपदा प्रबंधन अधिकारियों की मदद से स्थानीय लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं। उधर, भारत में भी मानसूनी बारिश से नदियां उफान पर हैं। असम बाढ़ की चपेट में है, वहीं मुंबई में बारिश से जनजीवन प्रभावित हुआ है।

बलूचिस्तान में बारिश से बिगड़े हालात
पाकिस्तान में 14 जून को मानसून ने दस्तक दी थी, लेकिन इस हफ्ते से कई इलाके भारी बारिश की चपेट में हैं। बलूचिस्तान में मूसलाधार बारिश ने कहर बरपाया है। इस कारण बड़ी संख्या में लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं। इतना ही नहीं, राजधानी क्वेटा समेत पासनी और तुर्बत जैसे बड़े शहरों में भी बाढ़ ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। रहमान ने बताया कि जल स्तर ऊंचा है और लोगों को सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि मानसून पैटर्न बदल रहा है। इस समय, पूरे पाकिस्तान में बारिश औसत बारिश से 87 प्रतिशत अधिक है।

औसत से 274 फीसदी अधिक बारिश
शेरी रहमान के अनुसार, बलूचिस्तान में, बारिश औसत से 274 प्रतिशत अधिक थी, जबकि सिंध में यह आंकड़ा 261 प्रतिशत है। उन्होंने कहा कि यह शुरुआत है और हमें इसकी तैयारी करने की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने अलर्ट जारी कर प्रांतों को अपने नाले साफ करने और ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त रखने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि यह निश्चित रूप से मेरे लिए एक राष्ट्रीय आपदा है, खासकर जब इतने सारे लोग अपनी जान गंवा रहे हैं। यह कोई छोटी बात नहीं है और राज्य को इस पर विशेष ध्यान देना होगा।

सभी राज्यों को अलर्ट रहने के निर्देश
रहमान ने बताया कि इस साल उम्मीद से पहले प्री-मानसून बारिश हुई। इसके लिए मंत्रालय और एनडीएमए ने आकस्मिक योजना तैयार की थी। लेकिन सभी प्रांतों को अपनी राहत योजनाओं को चाक-चौबंद करना होगा और सहायता या सहायता की आवश्यकता होने पर संघीय सरकार तक पहुंचना होगा। उसने कहा कि मौसम कार्यालय और आपदा प्रबंधन प्राधिकरण दैनिक आधार पर सलाह जारी कर रहे थे। लेकिन, उन्होंने जोर दिया कि ऐसी सलाह को अधिकारियों को गंभीरता से लेने की आवश्यकता है। यह छठा दिन है और हमें सतर्क रहने की जरूरत है।

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