नदीम साब… मैं मां बोल रही हूं, बाहर आ जा… मां-बाप की अपील के बाद आतंकियों ने किया सरेंडर

श्रीनगर

नदीम साब… अगर कोई गलती हुई होगी तो मैं उनसे कहूंगी माफी दे दो.. बाहर आ जाओ, मैं तेरी मां बोल रही हूं… जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में दो आतंकियों के सरेंडर के लिए माता-पिता की अपील का इमोशनल वीडियो सामने आया है। कुलगाम के हादीगाम में सेना और पुलिस के एक संयुक्त तलाशी अभियान में दो स्थानीय आतंकियों को घेरा गया था। उनसे आत्मसमर्पण की अपील कराने के लिए उनके पैरंट्स को यहां बुलाया गया। इनमें से एक आतंकी नदीम अब्बास भट की मां ने बेटे से आतंक की राह छोड़ने की मार्मिक अपील की।

समाचार एजेंसी एएनआई ने सरेंडर की अपील का वीडियो शेयर किया है। इसमें नदीम की मां कश्मीरी भाषा में कह रही हैं, ‘नदीम साब… अगर कोई गलती हुई होगी तो मैं उनसे कहूंगी माफी दे दो। नदीम साब, बाहर आ जाओ। मैं तेरी मां बोल रही हूं। कहां हो, तुम्हारे से अपनी जान वारूं.. बाहर आ जा। पापा भी यहां है। मैं तुम्हारे बदले माफी मांगूंगी।’

‘नदीम और कफील आप दोनों को मौका दे रहे हैं’
नदीम की मां आगे कह रही हैं, ‘सीओ और एसएसपी साहब कह रहे हैं कि हम कुछ नहीं करेंगे। नदीम के पिता भी उससे सरेंडर की अपील करते हैं। इसके बाद सेना के एक अधिकारी भी अपील करते हैं, ‘नदीम आपके साथ जो कफील है उसके परिवार वाले भी यहां आए हैं। बाहर आ जाओ। सेना के एक अधिकारी ने कहा है कि नदीम और कफील आप दोनों को मौका दे रहे हैं। सरेंडर करो बाहर आ जाओ। सामान वहीं पर छोड़ दो और बाहर आ जाओ। यही मौका है आपके पास। चारों तरफ फौज और पुलिस है कुछ नहीं होगा। तुम लोग हथियार डालो और बाहर आ जाओ।’

‘हर माता-पिता अपील करें तो जान बच सकती है’
कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने कहा, ‘अगर हर माता-पिता अपने आतंकवादी बेटों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील करते हैं, चाहें वे लाइव एनकाउंटर के दौरान फंस गए हों या आतंकवाद में शामिल हो गए हों, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती है। जैसे आज की मुठभेड़ मे दो लोगों की जान बच गई।’

दोनों आतंकी हाल ही में लश्कर ए तैयबा में भर्ती हुए थे। कश्मीर क्षेत्र की पुलिस ने ट्वीट किया, ‘मुठभेड़ के दौरान दो स्थानीय आतंकवादियों ने अपने माता-पिता और पुलिस की अपील पर आत्मसमर्पण कर दिया। उनके पास से कुछ संवेदनशील सामग्री, हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया है।’

आतंकियों की गोलीबारी का नहीं दिया जवाब
इस बीच, श्रीनगर स्थित रक्षा विभाग के जनसंपर्क अधिकारी कर्नल एमरोन मुसावी ने बताया कि जब यह पता चला कि दोनों ही नए भर्ती किए गए स्थानीय लोग हैं और उनके परिवार मुख्यधारा में उनकी वापसी के लिए आतुर हैं, तब सुरक्षाबलों ने संयम दिखाया। वे दोनों आतंकवादियों की ओर से गोलीबारी जारी रहने के बाद भी उनसे नहीं उलझे।

जनसंपर्क अधिकारी ने कहा, ‘सेना और जम्मू कश्मीर पुलिस ने संयम दिखाने के साथ ही यह सुनिश्चित किया कि आतंकवादी उस मकान से निकल नहीं पाएं। इस बीच, उनके परिवारों को आत्मसमर्पण की अपील करने के लिए मुठभेड़ स्थल पर लाया गया।’

उन्होंने कहा, ‘इन आतंकवादियों के माता-पिता एवं सुरक्षाबलों ने सुबह तक बार-बार उनसे आत्मसमर्पण करने की अपील की। दोनों ने आखिरकार अपने हथियार डाल दिए और आत्मसमर्पण कर दिया। उन्हें बाद में जम्मू कश्मीर पुलिस के हवाले किया गया। उनके पास से भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।

महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षाबलों की तारीफ की
कर्नल मुसावी ने कहा कि इन दोनों आतंकवादियों की पहचान कैमोह के राशिपुरा के निवासी नदीम अब्बास भट और मीरपुरा के निवासी काफिल मीर के रूप में की गई है जो हाल में लश्कर -ए-तैयबा का हिस्सा बने थे।

उन्होंने कहा, ‘लश्कर और आईएसआई की शह पर इन नवयुवकों को पट्टी पढ़ाई गई और राष्ट्र-विरोधी गतिविधियां व हत्याएं करने का जिम्मा दिया गया। सुरक्षाबल गुमराह युवाओं को हथियार डालने और आतंकवाद के रास्ते से वापसी के वास्ते प्रोत्साहित करने के लिए प्रतिबद्ध है।’

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने सुरक्षाबलों और इन आतंकवादियों के अभिभावकों की तारीफ की। उन्होंने कहा कि उन युवाओं को दूसरा मौका देने के लिए ऐसी कोशिश जारी रहनी चाहिए जो आतंकवाद की राह पर चल पड़े हैं।

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