खतरे में अरबों लोग! बढ़ रहा स्किन कैंसर, मोतियाबिंद का रिस्क… ओजोन परत में मिला ‘बहुत बड़ा’ छेद

वाटरलू (कनाडा)

वैज्ञानिकों का दावा है कि पृथ्वी की ओजोन परत में एक नया छेद पाया गया है जिससे ग्रह की लगभग आधी आबादी के लिए स्किन कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा पैदा हो गया है। एआईपी एडवांस जर्नल में इस नई खोज के बारे में जानकारी दी गई है। खोज में कहा गया है कि नया छेद अंटार्कटिका के ऊपर पाए गए नौ मिलियन वर्ग मील के छेद से सात गुना बड़ा है। कहा जा रहा है कि ओजोन परत में नया छेद ट्रॉपिक्स (Tropics) के ऊपर है।

धरती के लिए ओजोन परत एक सुरक्षा कवच की तरह काम करती है। यह पृथ्वी से लगभग 24 किमी ऊपर स्थित है और हमें स्किन कैंसर पैदा करने वाली अल्ट्रा-वायलेट किरणों से बचाती है। अगर नए छेद को लेकर किए जा रहे दावे की पुष्टि हो जाती है तो यह अरबों लोगों को स्किन कैंसर और मोतियाबिंद सहित कई खतरों में डाल देगा। यूनिवर्सिटी ऑफ वाटरलू के वैज्ञानिक और रिसर्च के मुख्य लेखक Qing-Bin Lu ने कहा, ‘ट्रॉपिक्स ग्रह के आधे क्षेत्र को कवर करता है जिसमें दुनिया की लगभग आधी आबादी रहती है।’

कमजोर कर सकता है इंसानों का इम्यून सिस्टम
उन्होंने कहा, ‘ट्रॉपिकल ओजोन होल की मौजूदगी एक गंभीर वैश्विक चिंता का कारण बन सकती है। ओजोन परत का क्षरण धरती पर यूवी रेडिएशन को बढ़ा सकता है जिससे इंसानों में स्किन कैंसर और मोतियाबिंद का खतरा बढ़ सकता है। इससे इंसानों का इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है, कृषि उत्पादकता घट सकती है और संवेदनशील जलीय जीव और पारिस्थितिक तंत्र नकारात्मक रूप से प्रभावित हो सकती हैं।’

1980 से अस्तित्व में है छेद
वैज्ञानिक लू ने कहा, ‘वर्तमान खोज को ओजोन क्षरण, यूवी रेडिएशन में बदलाव, स्किन कैंसर के बढ़ते खतरे और स्वास्थ्य व इकोसिस्टम पर दूसरे नकारात्मक प्रभावों पर कई गहन अध्ययनों की जरूरत है।’ माना जाता है कि यह छेद 1980 से अस्तित्व में हैं जिसकी पहचान अब हो पाई है। जर्नल में प्रकाशित होने के बावजूद कई वैज्ञानिकों ने इन दावों को खारिज किया है। डॉ पॉल यंग ने कहा, ‘ट्रॉपिकल ओजोन होल जैसी कोई चीज नहीं है।’

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