पोस्टर में देवी ‘काली’ को एलजीबीटीक्यू समुदाय का सतरंगी झंडा पकड़े हुए भी दिखाया गया है। लीना मणिमेकलाई पर हिंदू समुदाय की भावनाओं को जानबूझकर आहत करने के आरोप लग रहे हैं। मध्य प्रदेश समेत कुछ राज्यों में फिल्म निर्माता के खिलाफ केस भी दर्ज किया गया है।टोरंटो स्थित आगा खान संग्रहालय ने हिंदू समुदाय के सदस्यों से ‘अनजाने में अपराध करने’ के लिए गहरा खेद व्यक्त किया। भारतीय उच्चायोग ने कार्यक्रम के आयोजकों को भड़काऊ पोस्टर वापस लेने के लिए कहा था। दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएएफएसओ) विंग और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा फिल्म निर्माता के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है।
सीवोटर-इंडियाट्रैकर ने फिल्म निर्माता के खिलाफ शिकायत और कार्रवाई के बारे में लोगों के विचार जानने के लिए आईएएनएस की ओर से एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण किया।सर्वेक्षण के आंकड़ों के अनुसार, अधिकांश भारतीयों का मानना है कि देवी काली का आपत्तिजनक पोस्टर जारी करने के लिए फिल्म निर्माता को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। सर्वेक्षण के दौरान, करीब 65 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने लीना मणिमेकलाई की गिरफ्तारी की मांग की, हालांकि, 35 प्रतिशत ने इस भावना से असहमति जताई।
दिलचस्प बात यह है कि सर्वेक्षण ने इस मुद्दे पर एनडीए और विपक्षी दोनों मतदाताओं की राय में एकमत का खुलासा किया। सर्वेक्षण के दौरान, एनडीए के 66 प्रतिशत मतदाताओं और 66 प्रतिशत विपक्षी समर्थकों ने कहा कि हिंदू समुदाय की भावनाओं को आहत करने के लिए फिल्म निमार्ता को सलाखों के पीछे डाल दिया जाना चाहिए।
सर्वेक्षण के दौरान मुसलमानों सहित अधिकांश सामाजिक समूहों ने फिल्म निर्माता की गिरफ्तारी की मांग की। हालांकि, इस मुद्दे पर अनुसूचित जनजाति (एसटी) के विचार बंटे हुए थे।सर्वेक्षण के आंकड़ों के मुताबिक, 64 फीसदी उच्च जाति हिंदू (यूसीएच), 64 फीसदी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी), 60 फीसदी अनुसूचित जाति और 83 फीसदी मुस्लिमों ने राय दी कि फिल्म काली के निर्देशक को गिरफ्तार किया जाना चाहिए। वहीं एसटी उत्तरदाताओं में से 51 प्रतिशत फिल्म निमार्ता की गिरफ्तारी देखना चाहते थे, 49 प्रतिशत लोग इस भावना से सहमत नहीं थे।
सर्वेक्षण ने आगे खुलासा किया कि अधिकांश भारतीय चाहते हैं कि फिल्म ‘काली’ की स्क्रीनिंग पर प्रतिबंध लगा दिया जाए। सर्वेक्षण के दौरान, लगभग 64 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने काली पर प्रतिबंध लगाने की मांग की, हालांकि, 35 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने इस भावना को साझा नहीं किया।
विशेष रूप से, सर्वेक्षण के दौरान एनडीए के अधिकांश मतदाताओं और विपक्षी समर्थकों ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने के पक्ष में अपनी राय व्यक्त की। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक, एनडीए के 70 फीसदी वोटर और 60 फीसदी विपक्षी समर्थकों ने कहा कि फिल्म को रिलीज नहीं होने देना चाहिए।
इसी तरह, शहरी और ग्रामीण दोनों मतदाताओं के बहुमत ने काली फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की। सर्वेक्षण के दौरान 68 फीसदी शहरी और 62 फीसदी ग्रामीण मतदाताओं ने कहा कि सरकार को फिल्म को देशभर के सिनेमाघरों में प्रदर्शित होने से रोकने के लिए इस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए।