मुंबई:
उद्धव ठाकरे को एक के बाद एक झटका लगने का सिलसिला जारी है। सत्ता जाने के बाद पार्टी पर भी उनकी पकड़ ढीली पड़ती जा रही है। पहले ठाणे के 66 शिवसेना पार्षद एकनाथ शिंदे के साथ आए। अब नवी मुंबई से भी उद्धव के लिए बुरी खबर है। यहां शिवसेना के 32 कॉर्पोरेटर ने एकनाथ शिंदे खेमे के साथ जाने का फैसला किया है। बताते चलें कि एकनाथ शिंदे के समर्थन में शिवसेना के 40 विधायक हैं। 30 जून को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद 4 जुलाई को शिंदे ने विधानसभा में बहुमत साबित किया था।
‘साधारण कार्यकर्ता का भी फोन उठाते हैं शिंदे’
नवी मुंबई म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन में बड़ा सियासी उलटफेर हुआ है। यहां के 32 शिवसेना पार्षदों ने गुरुवार को ठाणे में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से मुलाकात की। इस दौरान शिवसेना पार्षदों ने शिंदे को समर्थन देने का ऐलान किया। शिवसेना के एक कॉर्पोरेटर ने कहा, ‘हम उनके (एकनाथ शिंदे के) साथ हैं। संपर्क करने पर वह कभी भी फोन उठाते हैं। यहां तक कि एक साधारण पार्टी कार्यकर्ता भी उन्हें फोन करता है तो वह जवाब देते हैं। यह हम सभी को अच्छा लगता है।’
ठाणे के 66 शिवसेना पार्षद शिंदे के साथ
इससे पहले ठाणे महानगरपालिका के 67 में से 66 पार्षदों ने शिंदे का समर्थन किया था। ठाणे में सिर्फ एक शिवसेना पार्षद नंदिनी विचारे ही उद्धव ठाकरे के खेमे में बची हैं। वह लोकसभा में शिवसेना के चीफ विप राजन विचारे की पत्नी हैं। शिवसेना के उद्धव ठाकरे खेमे ने भावना गवली को चीफ विप पद से हटाते हुए राजन विचारे को नया चीफ विप बनाया था। इन सबके बीच शिवसेना पर कब्जे की लड़ाई तेज होने के आसार हैं। पार्टी के 55 में से 40 विधायक एकनाथ शिंदे के साथ हैं। वहीं शिंदे कैंप के गुलाबराव पाटिल दावा कर चुके हैं कि शिवसेना के 18 में से 12 सांसद हमारे साथ आ सकते हैं।
4 जुलाई को सीएम शिंदे ने हासिल किया बहुमत
30 जून को एकनाथ शिंदे ने महाराष्ट्र के सीएम की शपथ ली। वहीं देवेंद्र फडणवीस ने डेप्युटी सीएम की शपथ ली थी। 4 जुलाई को जब महाराष्ट्र विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग हुई तो उद्धव खेमे के एक और विधायक संतोष बांगर भी शिंदे के साथ चले गए। विधानसभा में बीजेपी के 106, निर्दलीय और अन्य दलों के 18 विधायकों की मदद से शिंदे ने बहुमत हासिल किया था। शिंदे के समर्थन में 164 विधायकों ने वोटिंग की थी। वहीं 99 ने विपक्ष में वोट दिया था। वोटिंग में कांग्रेस के 11 विधायक गैरहाजिर रहे थे।