Alt News के जुबैर को फौरी जमानत, सुप्रीम कोर्ट ने सीतापुर वाले केस में दी राहत

नई दिल्‍ली

ऑल्‍ट न्‍यूज के को-फाउंडर मोहम्‍मद जुबैर को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है। उत्‍तर प्रदेश के सीतापुर में दर्ज मुकदमे में जुबैर को अंतरिम जमानात मिल गई है। अदालत ने जुबैर को इस शर्त पर बेल दी है कि वह मामले से जुड़ा कोई ट्वीट नहीं करेंगे। कोर्ट ने यह भी कहा कि जुबैर न तो बेंगलुरु न ही कहीं और, इलेक्‍ट्रॉनिक सबूत मिटाने की कोशिश करेंगे। SC का अंतरिम आदेश केवल सीतापुर वाले मुकदमे पर आया है। इसका दिल्‍ली वाले केस से कोई लेना-देना नहीं है। वह रिहा हो पाएंगे या नहीं, इसपर स्थिति स्‍पष्‍ट नहीं है। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि जुबैर के खिलाफ दिल्‍ली में भी FIR दर्ज है। उन्‍हें दिल्‍ली आकर सरेंडर करना होगा। अदालत ने कहा कि वह विस्‍तृत आदेश थोड़ी देर में अपलोड करेगी।

इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर SC ने यूपी पुलिस को नोटिस भी जारी किया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस मामले में अग्रिम जमानत खारिज कर दी थी और केस रद्द करने से इनकार कर दिया था। यूपी पुलिस ने जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा-295ए (जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत करना) और आईटी एक्ट की धारा-67 के तहत केस दर्ज किया है। जुबैर को दिल्ली पुलिस ने 27 जून को धार्मिक भावनाओं को आहत करने वाले ट्वीट के मामले में गिरफ्तार किया था।

भारत ने कहा, जर्मनी बेकार के बयान से बचे
फैक्ट चेकर मोहम्मद जुबैर की गिरफ्तारी पर जर्मनी की आलोचना का भारत ने गुरुवार को खंडन किया। भारत ने कहा कि देश की जुडिशरी की आजादी सर्वमान्य है और बिना जाने-समझे बयान देना बेकार है और इससे बचना चाहिए। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता का यह बयान जर्मनी के विदेश मंत्रालय के एक अधिकारी के यह कहने के बाद आया है कि मोहम्मद जुबैर को परेशान नहीं करना चाहिए और न ही उन्हें जेल में बंद करना चाहिए। बागची ने कहा कि यह घरेलू मुद्दा है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया चल रही है और इस मामले में किसी का भी बयान देना ठीक नहीं है।

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