दिल्ली में बच्चे की क्लास लाइव देख सकेंगे पैरंट्स, मगर पासवर्ड हुआ लीक तो एक्शन

नई दिल्ली

दिल्ली के सरकारी स्कूलों के क्लासरूम में क्या चल रहा है, यह पैरंट्स देख सकेंगे। मगर इसके लिए उन्हें यह लिखित में देना होगा कि वे लाइव सीसीटीवी विडियो दिखाने वाले मोबाइल ऐप का पासवर्ड किसी और को नहीं देंगे। लाइव फुटेज की प्राइवेसी बनी रहे, इसके लिए सभी स्कूलों के प्रिंसिपल्स से कहा गया है कि वे पैरंट्स को तय फॉर्मेट में यह सहमति पत्र भरवाएं। इसके बाद पैरंट्स से मिले डेटा को स्कूल हेड एक फाइल में इकट्ठा करके पीडब्ल्यूडी को भेजेंगे। शिक्षा निदेशालय ने सभी स्कूल हेड से कहा है कि इसे भेजने से पहले पैरंट्स का मोबाइल नंबर और बच्चे का क्लासरूम नंबर चेक जरूर करें। जो पैरंट्स फॉर्म भरकर नहीं देंगे, उन्हें स्टूडेंट्स का लाइव फुटेज लिंक नहीं भेजा जाएगा।

स्कूलों से यह भी कहा गया है कि क्लासरूम नंबर पहले से सोच-समझकर तय किए जाएं, ताकि सालभर इन्हें बदलने की जरूरत ना पड़े। शिक्षा निदेशालय ने यह प्रक्रिया अगले 15 दिन में पूरी करने को कही है। 2020 में दिल्ली सरकार ने तय किया था कि क्लासरूम में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएंगे, ताकि स्टूडेंट्स पर पैरंट्स भी नजर रख सकें।

शिक्षा निदेशालय का कहना है कि ज्यादातर स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे लग चुके हैं। सीसीटीवी कैमरे के सप्लाई, इंस्टॉलेशन, टेस्टिंग का प्रोजेक्ट तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसके तहत यह तय किया गया था कि क्लास रूम में लगे कैमरे का लाइव फीड का एक्सेस पैरंट्स को भी दिया जाएगा और वे अपने मोबाइल पर ऐप के जरिए इसे देख सकेंगे। 2019 नवंबर में लाजपत नगर के एक स्कूल से क्लासरूम के अंदर कैमरा लगाने की शुरुआत की गई थी। हालांकि इसके बाद कोविड 19 की वजह से स्कूल बंद रहे और यह प्रोजेक्ट थम गया। नए अकैडमिक सेशन के साथ स्कूल खुल चुके हैं और अब पैरंट्स तक लाइव फीड पहुंचाने के लिए इस प्रोजेक्ट को स्पीड दी गई है।

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