टोक्यो
जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो पर गोली चलने की घटना ने देश को हिलाकर रख दिया है। वो देश जहां पर सबसे कम गन क्राइम होते हैं और जहां पर बंदूकों से सबसे कम लोगों की जान जाती है, वहां ये घटना चौंकाने वाली है। आबे को करीब से गोली मारी गई है। आबे फिलहाल अस्पताल में हैं और उनकी स्थिति नाजुक बनी हुई है। जिस शख्स ने आबे पर हमला किया, उसकी उम्र 40 साल है। उसका नाम तत्सुका यामागामी है और कहा जा रहा है कि वो जापान की नेवी का ऑफिसर रहा है। प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनकी स्थिति के बारे बताया। किशिदा ये बताते हुए रो पड़े कि पूर्व पीएम आबे की हालत गंभीर है।
दिखती है गन
जिस बंदूक से आबे पर हमला किया गया है, वो एक होममेड हथियार है। इसे डक्ट टेप और पाइप्स को मिलाकर तैयार किया गया था। देखने में ये बिल्कुल कैमरे के जैसी दिखती है और इसे करीब से देखने पर दो पाइप साफ नजर आ रहे हैं। एशिया के पहले विकसित देश का दर्जा हासिल करने वाले जापान में साल 2018 में बंदूकों की वजह से 9 लोगों की मौत हुई थी। देश की आबादी 125 मिलियन है और ऐसे में ये आंकड़ा बताने के लिए काफी है कि देश में कानून कितना सख्त है। यहां पर बंदूक का लाइसेंस हासिल करना अपने आप में बहुत मुश्किल है। अगर किसी नागरिक को गन लाइसेंस चाहिए तो पहले उसे किसी शूटिंग एसोसिएशन से मंजूरी हासिल करनी होती है और फिर पुलिस की जांच से गुजरना पड़ता है।
शिंजो आबे पर हमला करने वाला अरेस्ट
जापान में पांच साल तक रहकर जर्नलिज्म करने वाले और यहां की हर स्थिति पर नजर रखने वाले अमेरिकी जर्नलिस्ट निकोलस क्रिस्टॉफ की मानें तो यहां पर गन हासिल करना अपने आप में चैलेंज है। लेकिन संगठन याकुजा से जुड़े लोग बड़ी आसानी से हथियार का जुगाड़ कर लेते हैं। जापानी मीडिया के मुताबिक यामागामी मैरिटाइम सेल्फ डिफेंस फोर्स का मेंबर रहा है। वो करीब तीन साल तक सेना का हिस्सा रहा और साल 2005 में रिटायर हो गया।
टेस्ट्स को पास करना जरूरी
जापान में कानूनों के तहत सिर्फ शॉटगन और एयर राइफल्स को ही बिक्री की अनुमति मिली हुई है। हैंडगन को कानूनी मान्यता नहीं मिली है। मगर इन दोनों ही तरह की बंदूकों को हासिल करना बहुत मुश्किल है। खरीददारों को पूरा दिन इंतजार करना पड़ता है। एक लिखित परीक्षा और शूटिंग रेंज टेस्ट के बाद बंदूक मिलती है। शूटिंग रेंज में टेस्ट को 95 फीसदी की एक्यूरेसी के साथ पास करना जरूरी होता है। इसके अलावा मेंटल हेल्थ चेकअप और ड्रग टेस्ट भी होता है। साथ ही बैकग्राउंड चेक को भी पास करना बहुत जरूरी है।
बैकग्राउंड चेक में ये देखा जाता है कि बंदूक खरीदने वाले का कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड तो नहीं, उस पर कोई कर्ज तो नहीं, किसी ऑर्गनाइज्ड क्राइम में वो शामिल तो नहीं रहा और साथ ही साथ परिवार और दोस्तों के साथ उसके संबंध कैसे हैं। साल 2007 में सदर्न जापान के नागासाकी शहर के मेयर इशो इतो पर एक गैंगस्टर ने हमला किया था। इस हमले में उन्हें गोली लगी थी और उन्होंने वहीं पर दम तोड़ दिया था। इसके बाद जापान ने नियमों को और कड़ा कर दिया और क्राइम गैंग्स की तरफ से अपराध होने पर भारी सजा का प्रावधान तय किया।