तूफान से पहले वाली शांति क्यों है पार्टी की खामोशी, TMC में लदने वाले हैं महुआ मोइत्रा के दिन?

नई दिल्ली

फिल्म ‘काली’ के आपत्तिजनक पोस्टर के समर्थन में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा का मां काली पर दिया विवादित बयान उन्हें भारी पड़ सकता है। टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी समेत पार्टी का कोई भी बड़ा नेता इस पर खुलकर बात नहीं कर रहा। पार्टी ने इस मुद्दे पर एक तरह की खामोशी की चादर ओढ़ी हुई है। हालांकि, पार्टी अपने ऑफिशल ट्विटर हैंडल से ये साफ करने में देरी नहीं की कि महुआ मोइत्रा के बयान से टीएमसी का कोई लेना-देना नहीं है। लेकिन इसके बाद मोइत्रा ने एक तरह से पार्टी नेतृत्व को चिढ़ाते हुए टीएमसी के ऑफिशल ट्विटर हैंडल को अनफॉलो कर दिया। इतना ही नहीं, वह न सिर्फ काली पर अपने दिए बयान पर कायम हैं बल्कि यहां तक कह रहीं कि उन्हें ये जानने में कोई रुचि नहीं है कि कौन उनका बचाव कर रहा है, कौन नहीं।

महुआ मोइत्रा का बयान
दरअसल, महुआ मोइत्रा ने 5 जुलाई को एक न्यूज चैनल के कॉन्क्लेव में फिल्म ‘काली’ के विवादित पोस्टर को लेकर कहा कि उनके लिए मां काली मांस खाने वाली और शराब का सेवन करने वाली देवी हैं। मोइत्रा के बयान पर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देखने को मिली। टीएमसी ने अपने ऑफिशल ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर उनके इस बयान से दूरी बना ली। मां काली पश्चिम बंगाल की संस्कृति में रची-बसी हैं लिहाजा टीएमसी ने तुरंत अपने सांसद के बयान से दूरी बना ली।

महुआ के कदम से टीएमसी नेतृत्व नाराज
कृष्णानगर से सांसद महुआ मोइत्रा ने न सिर्फ मां काली पर विवादित बयान दिया बल्कि बयान से पार्टी के किनारा करने के बाद भी अपने रुख पर कायम रहीं। उन्होंने ट्विटर पर टीएमसी के आधिकारिक हैंडल को भी अनफॉलो कर दिया। इससे टीएमसी का शीर्ष नेतृत्व नाराज है। हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने पार्टी के सीनियर सूत्रों के हवाले से बताया कि महुआ के इस कदम से शीर्ष नेताओं में नाराजगी है। पार्टी के ट्विटर हैंडल को ‘अनफॉलो’ किए जाने को ‘आलोचना को स्वीकार करने के बजाय पार्टी को चुनौती देने के कृत्य’ के तौर पर देखा जा रहा है। टीएमसी महुआ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का मूड बना रही है लेकिन वह नहीं चाहती कि उन्हें किसी भी तरह का बेनिफिट ऑफ डाउट का लाभ मिले।

इशारों में बोलीं ममता बनर्जी
टीएमसी चीफ ममता बनर्जी ने गुरुवार को एक कार्यक्रम में बिना किसी का नाम लिए, जिक्र किए कहा, ‘काम करते वक्त गलतियां हो सकती हैं…मैं जानबूझकर की गईं गलतियों की बात नहीं कर रही, लेकिन अगल कोई गलती है तो उसे सुधारा भी जाना चाहिए।’ ममता के इस बयान को मोइत्रा से जोड़कर देखा जा रहा है।

6 महीने में ही महुआ को टीएमसी से दो बार मिल चुकी है झाड़
पिछले 6 महीने में महुआ मोइत्रा को दूसरी बार टीएमसी की तरफ से सार्वजनिक तौर पर फटकार लग चुकी हैं। अभी पार्टी ने उनके बयान से दूरी बनाई है। इससे पहले पिछले साल दिसंबर में ममता बनर्जी ने मंच से महुआ को सार्वजनिक तौर पर लताड़ लगाई थीं। वह कृष्णानगर में पार्टी के भीतर कलह से नाराज थीं। नदिया जिले के कृष्णानगर से ही महुआ मोइत्रा सांसद हैं। दीदी ने मोइत्रा से मुखातिब होते हुए मंच से कहा था, ‘महुआ, मैं साफ संदेश देना चाहती हूं। मुझे ये जानने की जरूरत नहीं है कि कौन किसके खिलाफ है। अगर कोई किसी को पसंद नहीं करता है तो वह यू-ट्यूब पर या न्यूजपेपर में कुछ न्यूज दे देता है। इस तरह की राजनीति एक दिन चल सकती है लेकिन हमेशा के लिए। …कौन चुनाव लड़ेगा और कौन नहीं, ये चुनाव आने पर पार्टी तय करेगी।’ महुआ मोइत्रा नदिया जिले की टीएमसी अध्यक्ष थीं लेकिन पिछले साल उन्हें पद से हटा दिया गया।

महुआ के यही तेवर रहे तो गिर सकती है गाज
नदिया जिले के अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बाद महुआ मोइत्रा पार्टी नेतृत्व से खार खाई हुई दिख रही हैं। कम से कम उनके बयान और व्यवहार तो इसी तरफ इशारा कर रहे हैं। मां काली पर विवादित टिप्पणी से पार्टी के दूरी बनाने के बाद भी उस पर कायम रहकर महुआ जिस तरह ‘नाफरमानी’ वाले तेवर दिखा रही हैं, उसके पीछे नदिया के जिलाध्यक्ष पद के छिने जाने की टीस भी हो सकती है। टीएमसी ने अभी औपचारिक तौर पर महुआ से उनके बयान पर सफाई नहीं मांगी है और न ही अभी तक किसी तरह की कोई अनुशासनिक कार्रवाई की है। लेकिन वह पार्टी की नजर में चढ़ी हुई हैं।

राहुल गांधी के साथ लंदन में महुआ के दिखने पर भी टीएमसी असहज
महुआ मोइत्रा हाल ही में लंदन में कांग्रेस की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में दिखी थीं। कार्यक्रम का आयोजन कांग्रेस के सैम पित्रोदा ने किया था जिसमें राहुल गांधी शामिल हुए थे। टीएमसी ने इस कार्यक्रम का भी संज्ञान लिया है। संयोग देखिए कि कांग्रेस के सांसद शशि थरूर उन लोगों में शुमार हैं जिन्होंने महुआ मोइत्रा के बयान का सोशल मीडिया पर समर्थन किया था। लिहाजा टीएमसी मोइत्रा के अगले कदम का इंतजार कर रही है। अगर उनका ‘नाफरमानी’ वाला तेवर बरकरार रहता है तो पार्टी उनके खिलाफ कार्रवाई से नहीं हिचकेगी। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक टीएमसी नेताओं का एक तबका मोइत्रा को उनके विवादित बयानों के लिए संदेह का लाभ देने को तैयार नहीं हैं। उन्हें महुआ के कदमों में एक पैटर्न दिख रहा है।

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