जापान: धर्मगुरु को निशाना बनाना चाहता था आबे का हत्यारा, ‘Tired हो चुका हूं’ कहकर छोड़ी थी नौकरी

नई दिल्ली,

जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे को गोली मारने वाला शख्स एक धर्मगुरु पर हमला करना चाहता था. जापानी मीडिया ने शनिवार को पुलिस सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी दी. क्योडो न्यूज ने पुलिस के हवाले से बताया कि शिंजो आबे पर गोली चलाने वाले 41 वर्षीय तेत्सुया यामागामी ने कहा कि उसे एक “विशिष्ट संगठन” संभवतः धार्मिक समूह के खिलाफ शिकायत थी. उसका मानना था कि उस संगठन का शिंजो आबे से संबंध था. हालांकि रिपोर्ट में धार्मिक नेता की पहचान नहीं की गई थी.

जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे (67) शुक्रवार को जब चुनाव प्रचार के दौरान नारा शहर में रेलवे स्टेशन के पास एक चौक पर भाषण दे रहे थे, तभी हत्यारे ने उन पर दो गोलियां मारी. आबे को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका. आबे को गोली मारने वाले शख्स तेत्सुयू यामागामी (41) को उसी जगह पर गिरफ्तार कर लिया गया. उसके पास से घर की बनी हुई बंदूक भी बरामद हुई थी.

यामागामी, जिसने नारा राज्य के एक पब्लिक हाई स्कूल में पढ़ाई की थी, ने अपने ग्रेजुएशन इयर बुक में लिखा है कि भविष्य में वह क्या बनना चाहता है इसके बारे में उसे कोई स्पष्ट विचार नहीं था.

JMSDF में काम करता था आरोपी
पुलिस के अनुसार, यामागामी ने इस बात से इनकार किया है कि उसने अपराध किया था क्योंकि वह आबे की राजनीतिक मान्यताओं का विरोध करता था. सरकारी अधिकारियों के अनुसार, यामागामी ने साल 2005 में जापान मेरिटाइम सेल्‍फ डिफेंस फोर्स (JMSDF) में अधिकारी के रूप में काम किया है. इस फोर्स का काम जापान के समुद्री तटों की सुरक्षा करना है. पुलिस ने शुक्रवार को नारा शहर में उसके अपार्टमेंट पर छापेमारी की और विस्फोटक सामान के साथ घर की बंदूकें भी बरामद कीं.

2020 में छोड़ दी थी नौकरी
द जापान टाइम्स अखबार ने बताया कि हाई स्कूल से स्नातक होने के बाद वह जीवन में क्या करना चाहता है, इसके बारे में भी उसे कोई जानकारी नहीं थी और उसने दो महीने पहले ही नौकरी छोड़ दी थी क्योंकि वह ‘Tired’ महसूस कर रहा था. साल 2020 में वह कंसाई क्षेत्र में एक निर्माण कंपनी में कार्यरत था, लेकिन इस साल अप्रैल में उसने ये कहकर कंपनी छोड़ दी कि वह थका हुआ महसूस कर रहा है और अगले महीने ही उसने नौकरी छोड़ दी.

कैसा है नारा शहर?
जापान का नारा शहर एक शांत सिटी के तौर पर माना जाता है. ये एक ऐतिहासिक शहर है. यहां पर बड़ी संख्या बौद्ध मठ और मंदिर हैं. इसकी वजह ये रही कि इस शहर में बौद्ध धर्म का बड़ा प्रभाव रहा. यहां बौद्ध धर्म भरपूर फला-फूला. इस शहर में जापान के कई ऐतिहासिक धरोहर मौजूद हैं. अगर पहली नजर में देखा जाए तो किसी को यकीन नहीं होगा कि इस शहर में में हिंसक घटना हो सकती है.

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