नई दिल्ली
अग्निपथ योजना पर अपनी चिताओं को लेकर विपक्षी दलों ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को एक ज्ञापन सौंपा। इसमें सरकार से योजना को वापस लेने की मांग की गई है। हालांकि यहां भी विपक्षी एकता टूटती नजर आई। अग्निपथ स्कीम का बढ़चढ़कर विरोध करने वाली कांग्रेस पार्टी के ही सांसद मनीष तिवारी ने मेमोरेंडम पर साइन करने से इनकार कर दिया।
दरअसल सोमवार को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रक्षा संबंधी संसदीय सलाहकार समिति की बैठक में अग्निपथ भर्ती योजना पर विभन्नि राजनीतिक दलों के नेताओं को जानकारी दी और उनकी शंकाओं को दूर करने की कोशिश की। हालांकि बैठक के दौरान कांग्रेस ने कहा है कि अग्निपथ योजना देश की सीमाओं की सुरक्षा तथा युवाओं के भवष्यि के साथ खिलवाड़ है इसलिए सरकार को इस योजना को तत्काल वापस लेना चाहिए।
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, मीटिंग के दौरान रक्षा मंत्री को सौंपे गए विपक्षी ज्ञापन (मेमोरेंडम) पर छह सदस्यों ने साइन किए हैं। साइन करने वाले विपक्षी नेताओं में प्रोफेसर सौगत रॉय, सुदीप बंद्योपाध्याय, सुप्रिया सुले, शक्तिसिंह गोहिल, एडी सिंह और रजनी पाटिल शामिल हैं। हालांकि कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने विपक्ष के ज्ञापन पर हस्ताक्षर नहीं किए।
बता दें कि मनीष तिवारी पहले भी अग्निपथ योजना का समर्थन कर चुके हैं। उन्होंने इसे भविष्य को ध्यान में रखते हुए उठाया गया सही कदम बताया था। मनीष तिवारी ने अग्निपथ योजना को आधुनिक युद्ध की प्रकृति में आए भारी बदलाव को देखते हुए सही दिशा में ले जाने का एक कदम बताया था। उन्होंने कहा था, “आज के समय और युग में आपको मोबाइल आर्मी, युवा आर्मी की जरूरत है। आपको तकनीकी और हथियारों पर अधिक खर्च की जरूरत होती है। ऐसा तब तक नहीं होगा जब तक आपके पास जमीनी स्तर पर बड़ा ढांचा है। यहीं आपका ज्यादातर पैसा खर्च होता है।”