नई दिल्ली,
महाराष्ट्र की राजनीति में जिस तरह से उद्धव सरकार का पतन हुआ उससे बाकी राज्यों के क्षेत्रीय दलों में भी डर जैसा माहौल बन गया है। उद्धव ठाकरे की केवल कुर्सी नहीं गई बल्कि नौबत यहां तक आ गई कि बागी खेमे ने पार्टी पर भी दावा ठोक दिया। सोशल मीडिया पर एक तस्वीर काफी वायरल हो रही है। ये तस्वीर है झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन और पीएम मोदी की। पीएम मोदी आज देवघर पहुंचे हैं। चुनावों की हार जीत से अलग देश में पीएम मोदी की लोकप्रियता बहुत ज्यादा है। पीएम मोदी के अंदर ये कला है कि वो जहां जाते हैं वहां के लोगों से अपना रिश्ता जोड़ लेते हैं। आज जो देवघर से तस्वीर आई है उसे देख कांग्रेस और आरजेडी के पेशानी पर बल पड़ना तय है।
झारखंड में भी महागठबंधन की सरकार
झारखंड में JMM-CONG-RJD गठबंधन की सरकार है। सबसे ज्यादा सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा को मिलीं थीं। सीएम पद का ताज हेमंत सोरेन के सिर सजा। झारखंड में 81 विधानसभा सीटें हैं, जिसमें JMM ने 30, कांग्रेस ने 16, RJD ने एक और बीजेपी ने 25 सीटों पर कब्जा जमाया। अब जिस तरह से पीएम मोदी स्टेट पॉलिटिक्स में अपनी मौजूदगी दर्ज कराते हैं तो वहां के राजनीतिक समीकरण बदल जाते हैं। महाराष्ट्र इसका एक छोटा उदाहरण आप मान सकते हैं। महाराष्ट्र के साथ सबसे बड़ी समस्या ये थी कि विपरीत विचारधारा वाले तीन दल सिर्फ इसलिए साथ आ गए कि बीजेपी सरकार न बना ले।
सरकार में सब कुछ वेल एंड गुड नहीं
झारखंड गठबंधन सरकार में भी सबकुछ वेल एंड गुड नहीं चल रहा है। यहां पर रह रह कर सरकार से नाराजगी की खबरें आती रहती हैं। तकरीबन तीन महीने पहले झारखंड सरकार में कांग्रेस के कोटे से मंत्री बनाए गए लोगों के खिलाफ पार्टी के ही विधायकों ने मोर्चा खोल दिया था। विधायक इरफ़ान अंसारी के नेतृत्व में चार विधायकों की बैठक रांची में हुई थी। सूत्र दावा कर रहे थे कि बैठक के बाद कांग्रेस विधायकों के दल ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात की। नए राजनीतिक घटनाक्रम से मुख्यमंत्री पर दबाव बनाने की कोशिश में लगे। प्रदेश कांग्रेस प्रभारी की रणनीति को गहरा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि बैठक में उमाशंकर अकेला, नमन विक्सल कोंगारी और राजेश कच्छप मौजूद रहे। इन असंतुष्ट विधायकों ने कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी और महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलने का समय मांगा था।
पूरा देवघर मोदीमय
देवघर में एयरपोर्ट का उद्घाटन करने स्वयं पीएम मोदी गए। आपको याद होगा, कुशीनगर एयरपोर्ट के उद्घाटन में भी पीएम मोदी खुद वहां पहुंचे थे। उसका असर ये हुआ था कि कभी बहुजन समाज पार्टी की बेल्ट कहलाने वाली सभी 6 सीटें बीजेपी के पास आ गईं। देवघर में जिस तरह पीएम मोदी का स्वागत हुआ वो हेमंत सोरेन की आखों में भी चुभ रहा होगा। देवघर को दीवाली की तरह दियो से सजाया गया था। एक दिन पहले यानी कि सोमवार को ही देवघर से तस्वीरें आ रहीं थीं। जिसमें लोग उनके स्वागत के लिए दिये जला रहे थे। पीएम मोदी ने अपने भाषण का इसका जिक्र भी किया था।
सोमवार को जेएमएम और बीजेपी के बीच पोस्टर वॉर
यहां पर एक दिन पहले ही बीजेपी और जेएमएम में ठन भी गई थी। पोस्टर वॉर शुरू हो गया था। दरअसल, पूरा देवघर पीएम मोदी के पोस्टरों से पट गया था। हैरत की बात यह है कि एक तरफ जहां बीजेपी ने पूरे शहर को पीएम के पोस्टर और पार्टी के झंडों से पाट दिया है वहीं दूसरी तरफ जेएमएम ने भी कुछ इलाकों में सीएम के पोस्टर लगाये हैं। यहां पर 2024 के आखिरी में चुनाव होगा। बीजेपी राज्यों में अपनी सरकार बनाने के लिए पुरजोर प्रयास में रहती है। पीएम मोदी और हेमंत सोरेन की तस्वीर ये बताती है कि यहां कुछ भी संभव है।
पीएम मोदी ने दिया भाषण
पीएम मोदी ने कहा कि जिस प्रकार बाबाधाम में योजनाओं का विस्तार हुआ है, जिस नये एयरपोर्ट के शिलान्यास के लिए देवघर आने का सौभाग्य मिला था, आज उसके लोकार्पण, पहले घोषणा होती थी, पत्थर लगाता, फिर शिलान्यास होती और पता नहीं कितनी सरकार जाने के बाद योजना पूरी होती है, आज उस संस्कृति को लाये हैं, जिसका शिलान्यास करते हैं, उसका उदघाटन भी करते हैं। जनता के पसीनों से आये पैसे का मूल्य समझते हैं, जनता का पैसा बर्बाद ना हो जाए, उसका उपयोग जनता जर्नादन के लिए हो, इसका प्रयास करते हैं।
पीएम मोदी ने लोगों से बनाया कनेक्ट
एयरपोर्ट से बाबाधाम की दूरी करीब 11.50 किमी है और इस दौरान रोड शो के माध्यम से प्रधानमंत्री आपार जनसमूह का आभार करते हुए बाबा मंदिर पहुंचे। रोड शो में कई स्थानों पर पीएम मोदी अपने वाहन से बाहर निकल लोगों का अभिवादन स्वीकार किया। इस दौरान रास्ते भर में पीएम मोदी अपने वाहन के गेट से बाहर हाथ निकाल कर लोगों का शुक्रिया अदा करते रहे। पीएम मोदी ने कहा कि आज 16 हजार करोड़ रुपये, आस्था, विश्वास और तीर्थस्थल की धरती है, बेहतर राज्य है। देवघर में शिव भी हैं और शक्ति भी। ज्योतिर्लिंग और शक्तिपीठ यहां दोनों मौजूद हैं, हर साल यहां लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से गंगाजल लेकर आते हैं, भले ही बोली-भाषा समझ में नहीं आये, लेकिन संस्कृति साझी अमानत है।