LBW नियम में बदलाव, दो नई गेंद का इस्तेमाल बंद, फिर नई बहस छेड़ गए अश्विन

मुंबई

भारत के अनुभवी आफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन  का मानना है कि वनडे क्रिकेट को अपनी प्रासंगिकता तलाशनी होगी क्योंकि यह ‘बिना उतार चढाव’ के टी-20 क्रिकेट का विस्तार वाला प्रारूप बनता जा रहा है। दुनिया भर में द्विपक्षीय वनडे की प्रासंगिकता कम होती जा रही है और भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री समेत कई दिग्गजों का मानना है कि इस तरह की श्रृंखलाओं की बजाय फ्रेंचाइजी आधारित टी-20 लीग अधिक होनी चाहिए।

वनडे क्रिकेट को बचाना होगा
अश्विन ने ‘वानी एंड टफर्स क्रिकेट क्लब पॉडकास्ट’ में कहा, ‘यह प्रासंगिकता की बात है और मुझे लगता है कि वनडे क्रिकेट को अपनी प्रासंगिकता तलाशनी होगी। उसे अपनी जगह बनानी होगी। वनडे क्रिकेट की सबसे बड़ी खूबसूरती यह थी कि इसमें उतार चढ़ाव नहीं है। इस प्रारूप में गेंदबाजों की भी भूमिका होती है।’

दो नहीं एक गेंद की वकालत
आजकल वनडे पारी में दो नई गेंदें ली जाती है लेकिन अश्विन का मानना है कि पुराने प्रारूप पर लौटना चाहिए, जिसमें एक ही गेंद का प्रयोग होता था। उन्होंने कहा, ‘एक गेंद के प्रयोग से मुकाबला बराबरी का होता था। रिवर्स स्विंग भी मिलती थी जो खेल के लिए जरूरी है।’

LBW नियमों में भी हो बदलाव
रविचंद्रन अश्विन ने अपने यू-ट्यूब चैनल पर कहा कि LBW नियम को लेकर बदलाव होना चहिए। दरअसल, अश्विन बल्लेबाजों के स्विच शॉट पर बातचीत कर रहे थे। अश्विन की माने तो अगर बल्लेबाज स्विच शॉट खेलते हुए बॉल को मिस करता है तो उले LBW दिया जाना चाहिए। अश्विन ने जो रूट और बेयरस्टो का उदाहरण दिया और कहा कि उन्होंने एक पारी में 10 ऐसे शॉट खेले, इसमें से 9 बार वह सफल नहीं हो पाए, ऐसे में 9 बार उनके आउट होने का चांस था।

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