तारीख पर तारीख.. दो भाइयों के बीच ‘लड़ाई’ का 100 साल बाद SC ने किया निपटारा

नई दिल्ली

यूपी में एक 100 साल पुराने संपत्ति बंटवारा केस का बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने निपटा दिया। यूपी के दो भाइयों रामेसर और जगेसर के बीच 1928 में संपत्ति का विवाद शुरू हुआ था। लेकिन बंटवारा संबंधित मामले को सुप्रीम कोर्ट ने निपटारा कर दिया है। शीर्ष अदालत ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट का फैसला बरकरार
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता की अगुवाई वाली बेंच ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा है। हाईकोर्ट ने दो भाइयों रामेसर और जगेसर के बराबर शेयर पर काबिज रखने की इजाजत दी थी। हाईकोर्ट ने चकबंदी डिप्टी डायरेक्टर के उस आदेश को सही ठहराया था जिसमें परिवार के जोत की जमीन के दो हिस्सों रामेसर और जागेसर को बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था।

तीसरे भाई को बच्चा नहीं
रामेसर, जगेसर और सीताराम तीन भाई थे। ये तीनों गजाधर मिश्रा के बेटे थे। सीताराम को बच्चा नहीं था जबकि रामेसर के बेटे का नाम भगौती था जबकि जगेसर के तीन बेटे बासदेव, सरजू और साधू था। ये विवाद तीन भाइयों सीताराम, रामेसर और जागेसर के बीच संपत्ति विवाद से संबंधित था।

1974 में हाईकोर्ट में आया था मामला
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्ट ने चकबंदी अधिकारी के फैसले को सही ठहराकर सही फैसला दिया था। हमें ऐसा कोई कारण नहीं दिखता जिससे कि उसमें दखल दिया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि रामेसर और सीताराम में पहले किसकी मौत हुई इसको साबित करने के लिए कोई साक्ष्य नहीं है इसलिए पुनरीक्षण अधिकारी ने कहा था कि रामेसर और जागेसर के संतानों को बराबर -बराबर हिस्सा मिलेगा। हाईकोर्ट में यह मामला 1974 में आया था। हाईकोर्ट ने 11 सितंबर 2009 को अपने आदेश में चकबंदी डिप्टी डायरेक्टर के आदेश को बरकरार रखा था और जागेसर के संतानों की अर्जी खारिज कर दी थी।

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