मालदीव ने गोटाबाया राजपक्षे को शरण देने से किया ‘इंकार’, दर-दर भटकने को मजबूर श्रीलंकाई राष्‍ट्रपति!

माले/कोलंब

श्रीलंका के राष्‍ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे के मालदीव फरार हो जाने का कड़ा विरोध शुरू होने के बाद अब माले की सरकार भी बैकफुट पर आ गई है। मालदीव के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा है कि गोटाबाया राजपक्षे अपनी पत्‍नी के साथ केवल ‘ट्रांजिट’ के लिए माले पहुंचे हैं और आगे की यात्रा के लिए वह किसी और देश रवाना हो जाएंगे। इससे पहले श्रीलंका की वायुसेना ने एक बयान जारी करके कहा था कि उसने राष्‍ट्रपति राजपक्षे को मालदीव पहुंचाया है। श्रीलंका में जनता जोरदार प्रदर्शन कर रही है और अभी तक गोटाबाया राजपक्षे ने इस्‍तीफे का ऐलान नहीं किया है। जनता ने श्रीलंकाई राष्‍ट्रपति को दोपहर 1 बजे तक का समय दिया था।

श्रीलंका में खराब होते हालात को देखते हुए इमरजेंसी लागू कर दिया गया है। मालदीव के अधिकारी ने यह नहीं बताया कि गोटाबाया राजपक्षे किस देश में शरण लेने जा रहे हैं। इससे पहले अमेरिका ने गोटाबाया राजपक्षे को वीजा देने से इंकार कर दिया था। वहीं भारत ने भी इस बात का पुरजोर खंडन किया है कि उसने गोटाबाया को देश छोड़कर भागने में मदद की है। भारत ने गोटाबाया राजपक्षे को देश से बाहर निकलने में मदद करने संबंधी खबरों को‘निराधार और अटकलबाजी’ करार दिया है। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग ने ट्विटर पर स्पष्टीकरण दिया और कई मीडिया आउटलेट्स द्वारा किए जा रहे ऐसे दावों को खारिज कर दिया है।

‘भारत संकटग्रस्त द्वीप राष्ट्र के लोगों के साथ खड़ा रहेगा’
इसके अलावा भारतीय उच्चायोग ने यह भी आश्वासन दिया कि भारत संकटग्रस्त द्वीप राष्ट्र के लोगों के साथ खड़ा रहेगा। बताया जा रहा है कि गोटाबाया ने अपनी राष्‍ट्रपति की शक्तियों का इस्‍तेमाल करके वायुसेना के विमान का इस्‍तेमाल किया। इसके लिए उन्‍हें रक्षा मंत्रालय से अनुमति मिली हुई थी। बताया जा रहा है कि श्रीलंका की संसद के अध्‍यक्ष तक आज दोपहर में राष्‍ट्रपति गोटाबाया के इस्‍तीफे का पत्र पहुंच सकता है। इसके बाद स्‍पीकर मीडिया और आम जनता को उनके इस्‍तीफे के बारे में बताएंगे।

इस बीच प्रदर्शनकारियों ने चेतावनी दी है कि अगर राजपक्षे और प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने दोपहर तक इस्तीफा नहीं दिया तो वे दोनों के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ेंगे। इस बीच हजारों की तादाद में प्रदर्शनकारी संसद और पीएम रानिल के घर तक पहुंच गए हैं। बताया जा रहा है कि देश के अलग- अलग हिस्‍से से लोग श्रीलंका पहुंचे हैं। एक छात्र ने कहा कि राष्‍ट्रपति गोटाबाया ने कायराना हरकत करते हुए देश को छोड़कर चले गए हैं।

मोहम्‍मद नशीद ने गोटाबाया राजपक्षे की मदद की
बताया जा रहा है कि मालदीव की संसद के अध्‍यक्ष और पूर्व राष्‍ट्रपति मोहम्‍मद नशीद ने एयरपोर्ट पर गोटाबाया का स्‍वागत किया।मालदीव के सूत्रों ने बताया कि नशीद ने राष्ट्रपति राजपक्षे को कोलंबो से निकलने में मदद की। सूत्रों ने बताया कि मालदीव की सरकार का तर्क है कि राजपक्षे अब भी श्रीलंका के राष्ट्रपति हैं। उन्होंने अभी तक इस्तीफा नहीं दिया है या किसी उत्तराधिकारी को अपनी शक्तियां नहीं सौंपी हैं। अत: अगर वह मालदीव आना चाहते हैं तो इससे इनकार नहीं किया जा सकता है।

श्रीलंका और मालदीव के बीच बहुत करीबी संबंध
मोहम्‍मद नशीद के श्रीलंका के सभी नेताओं के साथ बहुत करीबी ताल्‍लुक हैं। यही नहीं श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने मोहम्‍मद नशीद को विदेश कर्ज हासिल करने के लिए समन्‍वयक नियुक्‍त किया था। श्रीलंका और मालदीव के बीच बहुत करीबी संबंध रहे हैं। श्रीलंका ने अक्‍सर मालदीव के निर्वासित नेताओं को शरण दी है। ठीक 10 साल पहले मोहम्‍मद नशीद की पत्‍नी और बेट‍ियां मालदीव में भारी हिंसा होने के बाद कोलंबो भाग आई थीं। राजपक्षे परिवार ने मोहम्‍मद नशीद के परिवार को लेकर चिंता जताई थी। गोटाबाया के इस्‍तीफे से भी संकट हल नहीं होगा। अभी नई सरकार के गठन में कई दिक्‍कते हैं।

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