राष्ट्रपति चुनाव; द्रौपदी मुर्मू की जीत तय, जानिए कितने वोट मिल सकते हैं

नई दिल्ली

राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए कैंडिडेट द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग तय हो चुकी है। बीजेडी, वाईएसआरसीपी, बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) टीडीपी, जेडी (एस) शिरोमणि अकाली दल (SAD), शिवसेना और जेएमएम के समर्थन मिलने के बाद अब माना जा रहा है कि मुर्मू को 60 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं। अगर अंतिम नतीजे भी मुर्मू के समर्थन में रहे तो वह देश के शीर्ष संवैधानिक पद पर पहुंचने वाली पहली आदिवासी महिला बन सकती हैं। राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग 18 जुलाई को होनी है।

जेएमएम के समर्थन से विपक्ष को झटका
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने गुरुवार को मुर्मू का समर्थन करने की घोषणा की। वह झारखंड की राज्यपाल रह चुकी हैं। एनडीए उम्मीदवार के पास अब कुल 10,86,431 मतों में से 6.67 लाख से अधिक वोट हैं। इनमें 3.08 लाख वोट सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी(बीजेपी) और उसके सहयोगी दलों के हैं। बीजेडी के करीब 32,000 वोट हैं, जो कुल मतों का करीब 2.9 प्रतिशत है। ओडिशा की 147 सदस्यीय विधानसभा में सत्तारूढ़ बीजेडी के 114 विधायक हैं, जबकि बीजेपी के 22 विधायक हैं। लोकसभा में बीजेडी के 12 और राज्यसभा में 9 सदस्य हैं।

जीत तय ही समझिए
मुर्मू को AIADMK (17,200 वोट), वाईएसआर-कांग्रेस पार्टी (करीब 44,000 वोट), टीडीपी (करीब 6,500 वोट), शिवसेना (25,000 वोट) और जनता दल (सेक्युलर) (करीब 5,600 वोट) का भी समर्थन मिल रहा है। हाल में संपन्न राज्यसभा चुनावों के परिणाम के बाद उच्च सदन में बीजेपी सदस्यों की संख्या 92 हो गई है। लोकसभा में उसके कुल 301 सदस्य हैं।

यूपी के विधायकों का मत सबसे ज्यादा
उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों में कुछ महीने पहले संपन्न विधानसभा चुनाव में बीजेपी की जबरदस्त जीत से इस दिशा में उसे मजबूती मिली है। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधायक का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य अन्य किसी राज्य के विधायक से अधिक है। एनडीए में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के विधायकों की संख्या 2017 के राष्ट्रपति चुनावों के दौरान रही उनकी संख्या से कम है, लेकिन उनके सांसदों की संख्या तब से बढ़ गई है।

आजादी के बाद जन्मा कोई शख्स पहली बार बनेगा राष्ट्रपति
मुर्मू अगर राष्ट्रपति बन जाती हैं, तो स्वतंत्रता के बाद जन्मी इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली नेता होंगी। राष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचक मंडल में करीब आधा मत मूल्य बीजेपी के पास है, जिसमें उसके विधायक भी हैं। सहयोगी दलों जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी, अपना दल और पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ अन्य दलों के मत जोड़ने से उसकी ताकत और बढ़ जाती है। दूसरी तरफ विपक्षी संप्रग के सांसदों के वोट डेढ़ लाख से कुछ अधिक हैं और राज्यों से उसके विधायकों के मतों की संख्या भी करीब इतनी ही होगी। राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होगा और परिणाम 21 जुलाई को घोषित किये जाएंगे।

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