‘श्रीलंका के बाद पाकिस्तान का होने वाला है हाल बेहाल, बन रहे हैं ऐसे संयोग’

इन दिनों पूरी दुनिया की नजर श्रीलंका पर है। कभी सोने की रही लंका आज अपनी बेहाली का रोना रो रही है। सत्ता के विरोध में ऐसी जनाक्रोश की लहर चली कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से जनता ने सत्ता छीन ली और राष्ट्रपति भवन पर जनता ने कब्जा कर लिया। आखिर श्रीलंका की ऐसी स्थिति क्यों हई और क्या इसी राह पर अब पाकिस्तान जा रहा है। जानिए क्यों भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका और पाकिस्तान बेहाली के दौर से गुजर रहे हैं।

श्रीलंका में इमरजेंसी की भविष्यवाणी
मेदिनी ज्योतिष में ग्रहों के विभिन्न राशियों में उदय-अस्त, वक्री-मार्गी आदि होने से संबंधित फल बताए गए हैं जिन्हें आधुनिक परिप्रेक्ष में देशों की स्थापना कुंडलियों पर लगाकर राजनीतिक-सामाजिक-आर्थिक उथल-पुथल के संबंध में भविष्यकथन किया जाता है। अभी जुलाई के दूसरे सप्ताह में एक अभूतपूर्व जनांदोलन के चलते श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे को पहले देश छोड़ कर भागना पड़ा और गत 14 जुलाई को उनके इस्तीफ़ा देने की खबर आई है। इन स्थितियों के कारण श्रीलंका में इमरजेंसी लगी हुए है। नवभारत डॉट कॉम पर प्रकाशित लेख “2022 शनि की उलटी चाल से होंगी यह बड़ी घटनाएं, जाने क्या कहती है भविष्यवाणी’ में 12 जुलाई को वक्री शनि के मकर राशि में प्रवेश के बाद भारतीय उपमहाद्वीप में जनता के असंतोष और श्रीलंका में इमरजेंसी के हालत उत्त्पन होने की भविष्यवाणी की गयी थी जिसे आप यहां देख सकते हैं।

मेदिनी ज्योतिष के ग्रंथ भविष्यफल भास्कर में शनि के मकर राशि में वक्री होने पर अयोध्या से लेकर लंका तक के देशों में भयंकर उत्पात आने का योग बताया गया है। श्रीलंका की तरह आर्थिक-राजनीतिक संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान का भी क्या यही हश्र होगा? इस प्रश्न के उत्तर से पहले देखें श्रीलंका की कुंडली से आगे श्रीलंका में क्या होने वाला है।

राहु की अशुभ दशा में फंस गया श्रीलंका, जानें कब सुधरेंगे हालात
भारत से अधिक प्रति व्यक्ति आय वाला देश श्रीलंका आज आर्थिक दिवालियापन की स्थिति में पहुंच गया है। श्रीलंका की स्थापना कुंडली 4 फरवरी 1948 सुबह 6 बजे कोलंबो की है जिसमें जन्म लग्न मकर है तथा चंद्र राशि वृश्चिक है। लग्न में सूर्य, सप्तम में शनि तथा अष्टम भाव में पाप ग्रह मंगल के चलते यह राष्ट्र एक लंबे गृह युद्ध (1983 से 2009) से जूझता रहा। सितंबर 2018 से सिंहासन और जनता के स्थान चतुर्थ भाव में बैठे राहु की महादशा श्रीलंका की स्थापना कुंडली में आरंभ हुई। अप्रैल 2019 में हुए ‘ईस्टर बम धमाकों’ की आतंकी घटना तथा बाद में कोरोना महामारी के चलते पर्यटन से आमदनी में हुए भारी नुकसान से श्रीलंका की अर्थव्यस्था वर्तमान में राहु दशा के समय बुरी तरह चरमरा गयी है। राहु की महादशा में इस समय गुरु की अंतर्दशा चल रही है जो मकर लग्न की श्रीलंका की कुंडली में अशुभ ग्रह है। मकर राशि में वक्री हो कर आये शनि अभी श्रीलंका को और कष्ट देंगे। आने वाले समय में श्रीलंका के संविधान में बड़े परिवर्तन किये जा सकते हैं जिसके चलते राष्ट्रपति की शक्तियां कम की जाएंगी तथा संसद को प्रधानमंत्री के नेतृत्व में अधिक शक्तियां दी जाएंगी। बारहवें घर (विदेश) के अधिपति गुरु की अंतर्दशा में चल रहे श्रीलंका में एक मिलीजुली सरकार बनेगी जिसे अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष की सलाह पर देश में बड़े आर्थिक सुधर करने होंगे जिसका प्रभाव अगले साल अप्रैल के बाद दिखाना शुरू होगा।

पाकिस्तान में भी लग सकता है आर्थिक आपातकाल
14 अगस्त 1947 को मध्य रात्रि में आज़ाद हुए पाकिस्तान की स्थापना कुंडली मेष लग्न की है तथा चंद्र राशि मिथुन है। मकर राशि में वक्री होकर लोटे शनि पाकिस्तान की राशि से अष्टम भाव में होकर ‘कंटक शनि’ का योग बना रहे हैं जो गोचर में बेहद अशुभ माना जाता है। अभी हाल ही में अप्रैल के दूसरे सप्ताह में पाकिस्तान में इमरान खान की सरकार के पतन के बाद सत्ता में आए शाहबाज़ शरीफ की सरकार को अब गंभीर चुनौतियों से गुज़ारना होगा। शुक्र में शनि की परिवर्तनकारी दशा में चल रहे पाकिस्तान को आर्थिक आपातकाल तथा राजनीतिक हिंसा का भी सामना करना पड़ सकता है। शनि महाराज जनवरी 2023 तक मकर राशि में रहेगे और ये अगले 6 महीने पाकिस्तान के लिए बेहद कठिन हैं।
(सचिन मल्होत्रा,ज्योतिषशास्त्री)

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