बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से किसानों को होगा खूब फायदा, हरी मटर को मिलेगा नया बाजार

नई दिल्ली

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे शनिवार, 16 जुलाई को जनता को समर्पित हो जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। चित्रकूट से इटावा तक जाने वाले 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्‍सप्रेसवे का लोकार्पण पहले 12 जुलाई को होना था। लेकिन इसकी डेट बदल गई। इस एक्‍सप्रेस वे के शुरू होने से बुंदेलखंड के लोगों के लिए दिल्‍ली और लखनऊ आना-जाना आसान हो जाएगा। यह एक्‍सप्रेस वे चित्रकूट, बांदा, महोबा, जालौन, औरैया होते हुए इटावा में आगरा लखनऊ एक्‍सप्रेस वे से जुड़ेगा। बुंदेलखंड एक्‍सप्रेसवे का शिलान्‍यास 29 फरवरी, 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ही किया था। यह 28 महीने में बनकर तैयार हो गया है। इस एक्सप्रेसवे से किसानों को भी बड़ा फायदा होने वाला है।

बुंदेलखंड के हरे मटर को मिलेगा नया बाजार
बुंदेलखंड में पिछले तीन साल से काफी अच्छा हरा मटर हो रहा है। स्थानीय किसानों के अनुसार, यहां सबसे अच्छा हरा मटर उगाया जाता है। लेकिन कनेक्टिविटी अच्छी नहीं होने के चलते इन्हें बढ़िया बाजार नहीं मिल पाता है। एक्सप्रेसवे से पहले यहां सड़क संपर्क इतना अच्छा नहीं था। इसके कारण किसान स्थानीय स्तर पर ही अपने मटर बेचने को मजबूर थे। अब एक्सप्रेसवे बन जाने से बुंदेलखंड के हरे मटर दिल्ली तक आ सकते हैं। इससे किसानों को अपनी फसल का भरपूर दाम मिलेगा।

कृषि उत्पाद सीधे आएंगे दिल्ली
इस एक्सप्रेसवे के माध्यम से यहां स्थापित होने वाले प्रोडक्शन यूनिट और एग्रो प्रोडक्शन वाले क्षेत्रों को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र से सीधे जुड़ने का मौका मिलेगा। एक्सप्रेसवे के पास इंडस्ट्रियल ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट, मेडिकल इंस्टिट्यूट सहित फूड प्रोसेसिंग प्लांट और हैंडलूम व दूध आधारित उद्योग स्थापित किया जा सकेगा।
बुंदलखंड एक्सप्रेसवे से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।

कृषि आधारित उद्योगों का हब बनाने की तैयारी
किसान समृद्धि आयोग उत्तर प्रदेश के सदस्य श्याम बिहारी गुप्ता बताते हैं कि बुंदेलखंड को कृषि, पशुपालन, बागवानी, प्राकृतिक खेती और कृषि आधारित उद्योग का हब बनाने की तैयारी है। इन उत्पादों की खपत के लिए बाजार चाहिए। एक्सप्रेसवे बन जाने से ताजी सब्जियां, फल, दुग्ध उत्पादों को अब दिल्ली, कानपुर और लखनऊ तक कम समय में पहुंचाना आसान होगा। इससे रोजगार सृजन होगा और पलायन रोकने में मदद मिलेगी। एक्सप्रेसवे के किनारे कोल्ड स्टोरेज और बेयर हाउस बनेंगे। बुंदेलखंड में इनके चेन की जरूरत है, क्योंकि तीस से चालीस प्रतिशत खाद्यान्न और सब्जियां बर्बाद हो जाते हैं। एक्सप्रेसवे के किनारे बड़े कोल्ड स्टोर व बेयर हाउस बनेंगे तो इनके संरक्षण और परिवहन में काफी सुविधा होगी।

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